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खच्चरों ने काटा केक! 'दस्टोन' में 300 लोगों को दावत, मन्नत पूरी होने पर प्रजापति परिवार ने मनाया जश्न, जानें

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर से 20 किलोमीटर दूर बानमोर (जिला मुरैना) में रहने वाले प्रजापति परिवार ने अपनी घोड़ी के बच्चों (खच्चरों) का दस्टोन समारोह धूमधाम से मनाया। यह अनोखा उत्सव पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। प्रजापित परिवार ने मन्नत पूरी होने पर यह जश्न मनाया है।दरअसल, सुनील प्रजापति ने बेहट के काशी बाबा से मन्नत मांगी थी कि अगर उनकी घोड़ी खच्चर को जन्म दे, तो वे उनका दस्टोन समारोह मनाएंगे।
मन्नत पूरी होने पर 8 मई को उन्होंने यह समारोह बड़े ही धूमधाम से मनाया। इस खास मौके पर परिवार ने 300 से अधिक लोगों को दावत दी। घोड़ी के मालिक के ससुराल पक्ष से (नवजात शिशु को पहनाए जाने वाले वस्त्र), झूले और खिलौने भी लाए गए। समारोह में खूब नाच-गाना हुआ और केक भी काटा गया। बैंड-बाजे की धुन पर लोग जमकर झूमे। मौसम खुशनुमा था और पूरा माहौल उत्सवमय था। बच्चों के नामकरणदो खच्चरों का नामकरण भी किया गया। नर खच्चर को भोला, जबकि मादा का नाम चांदनी रखा गया है। सुनील प्रजापति और उनका परिवार इस खुशी के अवसर पर बहुत खुश था।
उनका कहना है कि उनके लिए ये बच्चे किसी भी इंसान के बच्चे से कम नहीं हैं। सुनील ने अपने चार बच्चों का नहीं मनाया दस्टोनबता दें कि सुनील प्रजापति का परिवार मूल रूप से ईंट के भट्ठों पर मजदूरी और मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करता है। खच्चरों के जन्म से उन्हें काम में काफी मदद मिलेगी क्योंकि खच्चर मिट्टी और सामान ढोने के लिए सबसे उपयुक्त पशु होते हैं। सुनील के चार बच्चे हैं जिनका जन्मदिन वे मनाते हैं, लेकिन उन्होंने कभी उनका दस्टोन नहीं मनाया। उनका कहना है कि जानवर भी परिवार का हिस्सा होते हैं और उनके लिए भी खुशियां मनाना जरूरी होता है।

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