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चक्कर आना और थकान हो सकती है खून की कमी की निशानी, एक्सपर्ट से जानें सभी ज़रूरी बातें

हीमोग्लोबिन के स्तर का कम होना एनीमिया कहलाता है, जिसका सीधा सा मतलब है जब शरीर के उत्तकों (टिशू) तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाएं या हीमोग्लोबिन न हो। अगर हीमोग्लोबिन को समझें तो यह लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है जिसका काम ऑक्सीजन को उत्तकों और शरीर की बाकी कोशिकाओं तक पहुंचाना है। इसी से शरीर को ऊर्जा और ऑक्सीजन के उतापदन की पूर्ति हो पाती है पर जब यह स्तर कम होता है तो इससे कई लक्षण तथा समस्याएं देखने को मिलती हैं। 

आइए न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स (अहमदाबाद) में सलाहकार पैथोलॉजिस्ट, डॉ. आकाश शाह से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण, लक्षण और इलाज समेत सभी बातें विस्तार से जानते हैं। 

कम हीमोग्लोबिन स्तर के कारण (Causes of Low Hemoglobin Levels) 

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आयरन की कमी वाला एनीमिया (Iron Deficiency Anemia)

हीमोग्लोबिन के कम होने का सबसे आम कारण आयरन की कमी वाला एनीमिया है क्योंकि आयरन की कमी हीमोग्लोबिन के उत्पादन में बाधा पैदा करती है। आयरन की कमी का कारण इससे भरपूर खाद्य पदार्थ न लेना, खून कम होना (प्रसव के दौरान, पीरियड्स में या गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल ब्लीडिंग) या फिर आयरन  का शरीर में सही से अवशोषित न हो पाना है।

विटामिन की कमी (Vitamin Deficiencies)

कई पोषक तत्वों जैसे विटामिन बी 12 और फोलेट भी एनीमिया का कारण बनते हैं क्योंकि ये भी लाल रक्त कोशिकाओं के बनने में सहायता करते हैं। 

क्रोनिक बीमारियां (Chronic Diseases)

क्रोनिक बीमारियां जैसे किडनी की बीमारी, आंतों में सूजन की समस्या, कैंसर और ऑटो इम्यून विकार लाल रक्त कोशिकाओं  के बनने में अड़चन पैदा कर सकते हैं। 

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हेमोलिटिक एनीमिया (Hemolytic Anemia)

हेमोलिटिक एनीमिया तब होता है जब लाल रक्त कोशिकाएं उसके उत्पादन से ज्यादा तेज़ी से खत्म होने लगती हैं। इसके पीछे की वजह अनुवांशिक, संक्रमण, ऑटो इम्यून विकार या कोई दवाई हो सकती है। 

बोन मैरो विकार (Bone Marrow Disorders)

विकार बोन मैरो को प्रभावित करते हैं जहां से लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन होगा है और नतीजतन लाल सक्त कोशिकाओं की कमी से एनीमिया की स्थिति बन जाती है। 

हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण (Symptoms of Low Hemoglobin Levels)

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  • थकान 
  • कमजोरी
  • सांस लेने में कठिनाई 
  • चक्कर आना 
  • त्वचा का पीलापन 
  • ठंडे हाथ-पैर 
  • सिर दर्द 
  • छाती में दर्द 
  • अनियमित हृदय गति 
हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने से जुड़ी जटिलताएं (Complications of Low Hemoglobin Levels) 

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एनीमिया को ठीक न किया जाए तो यह आगे चलकर कई समस्याओं को जन्म दे सकता है जिनका ज़िक्र यहां किया गया है : 

  • उत्तकों तक ऑक्सीजन की पूर्ति में कमी से थकान और कमजोरी 
  • ध्यान में कमी और सोचने-समझने की क्षमता पर असर 
  • दिल की बीमारी जैसे एरिथमिया और हार्ट फेलियर का खतरा 
  • बच्चे के विकास में देरी 
  • गर्भावस्था में समस्याएं जिनमें समय से पहले डिलीवरी, और शिशु का कम वजन आदि शामिल हैं। 
कम हीमोग्लोबिन के स्तर का इलाज (Treatment of Low Hemoglobin Levels)

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एनीमिया के कारण और उसकी गंभीरता पर इसका इलाज निर्भर करता है जिनमें शामिल हैं : 

आयरन सप्लीमेंट (Iron supplementation)

आयरन की कमी दूर करने के लिए आयरन सप्लीमेंट्स लेने की डॉक्टर सलाह दे सकते हैं। 

विटामिन सप्लीमेंट (Vitamin supplements)

विटामिन की कमी होने पर फोलेट और विटामिन बी 12 के सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जा सकती है। 

उससे जुड़ी बीमारी ठीक करना (Treating underlying conditions)

एनीमिया से जुड़ी स्थिति को ठीक करना हीमोग्लोबिन के स्तर को फिर से सामान्य कर सकता है। 

खून चढ़ाना (Blood transfusions)

एनीमिया के कई गंभीर मामलों जिसमें लक्षण और जटिलताएं अधिक हों, दूर करने के लिए मरीज को खून चढ़ाना (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) अनिवार्य हो जाता है। 

जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes)

आयरन, विटामिन बी 12 और फोलेट से भरपूर खाना एनीमिया की स्थिति को ठीक करने का एक दीर्घकालिक पर बेहतर विकल्प है। 

यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि एनीमिया जैसी स्थिति कई बार किसी और बीमारी या शारीरिक परेशानी की वजह से भी होती है। इसके लिए जरूरी है जांच से इसकी स्थिति का पता लगाया जाए ताकि एनीमिया का इलाज ठीक ढंग से किया जा सके वरना भविष्य में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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