Hero Image

संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के दावों पर भारत ने किया महात्मा गांधी का ज़िक्र

Lev Radin/Pacific Press/LightRocket via Getty Images

संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के दावों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा है कि 'पड़ोसी देश का अपना ट्रैक रिकॉर्ड हरेक मामले में सबसे संदेहास्पद रहा है.'

यूएनजीए में इस्लामाबाद के राजदूत की टिप्पणियों को भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने 'विध्वंसात्मक और नुक़सानदेह' करार दिया है.

रुचिरा कम्बोज की ये प्रतिक्रिया यूएनजीए में पाकिस्तानी राजदूत मुनीर अकरम के 'भारत विरोधी दावों' के बाद आई है.

मुनीर अकरम ने अपने भाषण में कश्मीर, नागरिकता संशोधन क़ानून, अयोध्या में राम मंदिर और सीमा पार जाकर 'टारगेटेड किलिंग' जैसे मुद्दे उठाए थे.

लोकसभा चुनाव 2024: नरेंद्र मोदी का 'लाभार्थी क्लास' क्या जीत की 'गारंटी' दिला पाएगा

यूएनजीए की जिस मीटिंग में भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही अपने पक्ष रखे, वो बैठक 'शांति की संस्कृति' पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी.

  • 'भारत-पाकिस्तान टकराव बड़ा व्यापार है, सब माल इसके नाम पर बेच दो': ब्लॉग
  • पाकिस्तान के विदेश मंत्री के बयान को कई लोग भारत के पक्ष में क्यों मान रहे हैं?
  • मुनीर अकरम ने क्या कहा था ANI

    इस मीटिंग में पाकिस्तानी राजदूत मुनीर अकरम ने अपने संबोधन में अन्य मुद्दों के अलावा अमेरिकी अख़बार 'वाशिंगटन पोस्ट' की उस रिपोर्ट का भी जिक्र किया जिसमें 'नए भारत को लेकर पीएम मोदी के एक बयान' का जिक्र है.

    मुनीर अकरम ने कहा, "इस्लामाबाद ने हाल ही में सुरक्षा परिषद, साथ ही महासचिव और यूएनजीए के प्रेसीडेंट को पाकिस्तान में भारत की टारगेटेड किलिंग कैम्पेन के बारे में बताया था. सीमा पार स्टेट टेररिज़्म की ये मुहिम केवल पाकिस्तान तक ही सीमित नहीं है. ये कनाडा में राजनीतिक विरोधियों की हत्या कराने और अमेरिका में क़त्ल की कोशिश तक पहुंच गया है और संभवत: अन्य देशों में भी ऐसा हो रहा है."

    उन्होंने कहा, "वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ़्ते अपने समर्थकों से कहा था, 'आज यहां तक कि भारत के दुश्मन भी ये जानते हैं कि ये मोदी है, ये नया भारत है. ये नया भारत है, घर में घुसकर मारेगा'."

    मुनीर अकरम ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से कहा कि आरएसएस और बीजेपी की सरकार पाकिस्तान के ख़िलाफ़ युद्ध जैसी स्थिति का सहारा ले रही है.

    उन्होंने कहा कि भारत के रक्षा मंत्री ने भी आज़ाद कश्मीर को अपने कब्ज़े में लेने की धमकी दी थी. उनके सेना प्रमुख ने भी नियंत्रण रेखा पार करने की धमकी दी थी.

    "भारत के सशस्त्र बल एक ख़तरनाक सिद्धांत पर चल रहे हैं. वे पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अचानक हमला करने की योजना पर काम कर रहे हैं. भारत तहरीक़-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को पैसा और मदद मुहैया करा रहा है ताकि ये संगठन चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना में बाधा डालने के लिए हमले कर सकें.

    रुचिरा कम्बोज ने अपने जवाब में क्या कहा ANI

    पाकिस्तानी पक्ष के दावों का जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने गुरुवार को कहा, "एकचुनौतीपूर्ण दौर में इस असेंबली में हम शांति की संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहते हैं. हमारा फोकस रचनात्मक बातचीत पर बना हुआ है. इसलिए हमने एक प्रतिनिधि की टिप्पणियों को नज़रअंदाज़ करने का फ़ैसला किया है. उस प्रतिनिधि में न केवल शिष्टाचार का अभाव है बल्कि वो अपने 'विध्वंसात्मक और नुक़सानदेह' प्रवृत्ति के कारण हमारे सामूहिक प्रयासों को कमज़ोर करना चाहता है."

    रुचिरा कम्बोज ने ये बात ज़ोर देकर कही कि आतंकवाद शांति की संस्कृति के ख़िलाफ़ है और सभी धर्मों की मूल भावना संवेदना, समझदारी और सहअस्तित्व है.

    उन्होंने कहा कि सदस्य देशों के लिए ये ज़रूरी है कि वे मिलकर काम करें ताकि शांति की संस्कृति को आगे बढ़ाया जा सके और दुनिया को एक परिवार के रूप में देखा जा सके. भारत इस पर गहराई से विश्वास करता है.

    रुचिरा कम्बोज ने कहा कि दुनिया के सामने राजनीतिक तनाव और ग़ैरबराबरी वाले विकास जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं. बढ़ती हुई असहिष्णुता, भेदभाव और धर्म के आधार पर हिंसा जैसे मुद्दों पर फौरन ध्यान देने की ज़रूरत है.

    रुचिरा कम्बोज ने महात्मा गांधी की अहिंसा की नीति का जिक्र करते हुए कहा कि ये शांति के लिए भारत की प्रतिबद्धता की बुनियाद है.

    पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का बयान MOFA PAKISTAN

    यूएनजीए में कश्मीर के मुद्दे पर मुनीर अकरम की जिक्र के अलावा गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कश्मीर का मुद्दा उठाया.

    पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कश्मीर में बारिश और मौसम की वजह से हुए नुक़सान का जिक्र किया और प्रभावित लोगों के लिए संवेदना प्रकट की.

    उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोगों की प्रोपर्टी ज़ब्त करने की भारत की कार्रवाई की पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है.

    मुनीर अकरम ने अपने संबोधन में कहा था, "पांच अगस्त, 2019 की कार्रवाई के बाद भारत ने जम्मू और कश्मीर में नौ लाख सैनिकों को तैनात कर रखा है. हुर्रियत के सभी नेता जेलों में हैं. सैकड़ों मासूम कश्मीरी नौजवानों को हरेक साल एनकाउंटर में मारा जाता है."

    उन्होंने कहा कि जब तक जम्मू और कश्मीर के लोगों को आत्म निर्णय के अधिकार के इस्तेमाल की इजाज़त नहीं दी जाती है, वहां हालात कभी सामान्य नहीं होंगे.

    पीएम मोदी का बयान और वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट ANI

    अमेरिकी अख़बार वाशिंगटन पोस्ट ने पिछले हफ़्ते अपनी एक रिपोर्ट में 'पीएम मोदी के नए भारत' का जिक्र करते हुए ये दावा किया था कि बीते साल 22 जून को अमेरिका के व्हाइट हाउस में पीएम मोदी का स्वागत किया जा रहा था उस समय भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के एक अधिकारी अमेरिका में किराये के हत्यारों को खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या करने के निर्देश दे रहे थे.

    अख़बार ने लिखा है कि रॉ के एक अधिकारी विक्रम यादव ने इस हत्या को 'प्रायरिटी नाउ' यानी 'सबसे अहम प्रथामिकता' बताया था.

    कुछ अधिकारियों के हवाले से अख़बार ने लिखा है कि यादव ने पन्नू के न्यूयॉर्क स्थित आवास के बारे में जानकारी सुपारी लेने वालों को दी थी. कहा गया था कि जैसे ही अमेरिकी नागरिक पन्नू अपने घर पर होंगे –"हमारी तरफ़ से काम को आगे बढ़ाने का आदेश मिल जाएगा."

    रिपोर्ट दावा करती है कि यादव की पहचान और इस मामले से जुड़े उनके तार अब तक सामने नहीं आए थे. उनके नाम का सामने आना अब तक का सबसे स्पष्ट सबूत है कि हत्या की योजना जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने फेल कर दिया- उसके लिए रॉ ने निर्देश दिए थे.

    वर्तमान और पूर्व पश्चिमी सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, सीआईए, एफबीआई और अन्य एजेंसियों की व्यापक जांच में कुछ हाई रैंकिंग रॉ अधिकारी भी तफ़्तीश के दायरे में आए हैं.

    अख़बार ने अपनी इसी रिपोर्ट के आख़िर में पीएम मोदी के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने एक चुनावी रैली के दौरान कहा था, "आज यहां तक कि भारत के दुश्मन भी ये जानते हैं कि ये मोदी है, ये नया भारत है. ये नया भारत है, घर में घुसकर मारेगा."

  • भारत-पाकिस्तान ने जब एक दूसरे को सौंपी थी हज़ारों एकड़ ज़मीन
  • वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पर भारत की प्रतिक्रिया

    खालिस्तान समर्थक नेता और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम कोशिश के मामले में भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी के शामिल होने के दावे से जुड़ी वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को भारत ने 'निराधार' बताया है.

    भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी थी.

    मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर बयान जारी कर कहा था, "रिपोर्ट एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगा रही है."

    बयान में कहा गया, "संगठित अपराधियों, आतंकवादियों के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार की ओर से साझा की गई सुरक्षा चिंताओं के बाद भारत सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो मामले की जांच कर रही है. इसे लेकर अटकलें लगाना और ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान देना मददगार साबित नहीं होगा."

    कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का ताज़ा बयान
    ANI

    कनाडा में भारतीय समुदाय से जुड़े एक मीडिया प्लेटफॉर्म 'वाई मीडिया' को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो दिया है. बुधवार को जारी किए गए इस इंटरव्यू में जस्टिन ट्रूडो ने भारत-कनाडा संबंधों और हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला एक बार फिर से उठाया है.

    हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "इस बात को मानने के लिए भरोसेमंद सबूत मौजूद हैं कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा की ज़मीन पर कनाडा के नागरिक की हत्या में शामिल थे. ये वास्तविक समस्या है. ये नियमों को मानने वाले वाली वैश्विक व्यवस्था, खुले लोकतांत्रिक विचारों और संप्रभुता के सिद्धांतों के लिए भी समस्या है जिनके लिए हम खड़े होते हैं."

    गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जस्टिन ट्रूडो के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "हमारे नज़रिये से प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी कोई नई बात नहीं है, वे पहले भी ये कह चुके हैं."

    उन्होंने कहा, "भारत को लेकर उनकी ये टिप्पणी एक बार फिर ये दिखलाती है कि कनाडा में अलगाववाद, चरमपंथ और हिंसा को मानने वाले लोगों को किस तरह का पॉलिटिकल स्पेस दी जा रही है. इससे न केवल भारत और कनाडा के संबंधों पर असर पड़ेगा बल्कि कनाडा में हिंसा और अपराध को बढ़ावा भी मिलेगा."

    (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप

    यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

    READ ON APP