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एमडीएच और एवरेस्ट मसालों में कीटनाशक पाए जाने के दावों पर क्या कह रहा है अमेरिका

Nasir Kachroo/NurPhoto via Getty Images

अमेरिका का खाद्य सुरक्षा विभाग फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफ़डीए) कथित तौर पर कैंसर का कारण बनने वाले कीटनाशकों की मौजूदगी के मामले में भारत में मसाला बनाने वाली दो कंपनियों के उत्पादों की जांच कर रहा है.

इस महीने की शुरुआत में हांगकांग के खाद्य सुरक्षा विभाग, सेंटर फॉर फूड सेफ्टी (सीएफ़एस) ने भारतीय कंपनी एमडीएच और एवरेस्ट के तीन पैकेटबंद मसालों में कथित कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की अधिक मात्रा पाए जाने का दावा किया था.

विभाग ने लोगों को इनका इस्तेमाल न करने की सलाह दी है.

एमडीएच और एवरेस्ट भारत के साथ-साथ दुनियाभर में सबसे अधिक जाने-माने मसाला ब्रांड्स में से एक हैं.

शनिवार को एमडीएच ने इस मामले में बयान जारी कर अपने उत्पादों पर लगाए आरोपों से इनकार किया और कहा कि उसके उत्पाद 100 फ़ीसद सुरक्षित हैं.

वहीं एवरेस्ट ने पहले कहा था कि उसके उत्पाद खाने के लिए सुरक्षित हैं.

अमेरिका के खाद्य सुरक्षा विभाग ने क्या कहा?

एफ़डीए के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "एफ़डीए को इससे जुड़ी रिपोर्टों के बारे में जानकारी है. वो स्थिति को लेकर अतिरिक्त जानकारी जुटा रहा है."

सिंगापुर ने भी मछली की करी के लिए एवरेस्ट मिक्स के सभी पैकेट बाज़ार से हटा दिए हैं. सिंगापुर का दावा है कि इस मसाले में एथिलीन ऑक्साइड की अधिक मात्रा पाई गई है जो कैंसर का कारण बन सकती है.

भारत में मसालों के निर्यात का नियमन करने वाले स्पाइस बोर्ड ने इस सप्ताह कहा था कि वो सिंगापुर और हांगकांग को मसाला निर्यात करने वाली दोनों कंपनियों के निर्यात से जुड़ी और जानकारी इकट्ठा कर रहा है.

बोर्ड ने कहा था कि वो कंपनी के साथ मिलकर इस बात की "तह तक जाकर" उत्पाद की गुणवत्ता से जुड़े मुद्दों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहा है. दोनों कंपनियों के प्लांट में जांच शुरू कर दी गई है.

शनिवार को दोनों कंपनियों की वेबसाइट डाउन चल रही थी.

मसाला इंडस्ट्री में एथिलीन ऑक्साइड का इस्तेमाल फ्यूमिगेटिंग एजेंट के तौर पर किया जाता है. मसालों को और शुद्ध करने के लिए रसायनों से उठने वाले फ्यूम्स के इस्तेमाल की प्रक्रिया को फ्यूमिगेशन कहते हैं.

अमेरिकी पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी (ईपीए) ने कहा है कि ये रसायन इंसानों में कैंसर का कारण बन सकते हैं.

2018 में ईपीए ने लिखा था, "इंसानों में ऐसे सबूत मिले हैं जो इशारा करते हैं कि एथिलीन ऑक्साइड से संपर्क इंसानों में लिम्फॉयड कैंसर और ख़ासकर महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है."

साल 2019 में अमेरिका में एमडीएच के उत्पादों के कुछ बैच को बाज़ार से हटा लिया गया था. उस समय आशंका जताई गई कि इन मसालों में सैल्मोनेला नाम के बैक्टीरिया का संक्रमण हो सकता है.

एमडीएच ने क्या कहा? MDH @Instagram

अपने कुछ उत्पादों में कथित तौर पर एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने के मामले में एमडीएच ने एक बयान जारी कर इन ख़बरों को बेबुनियाद बताया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार- कंपनी ने कहा है, "ये दावे झूठे हैं और ऐसा आरोप लगाने के लिए सबूत नहीं है."

"हम ये भी कहना चाहते हैं कि हांगकांग या सिंगापुर के नियामकों की तरफ से कंपनी के साथ किसी तरह का संपर्क नहीं किया गया है."

एमडीएच ने ये भी कहा कि स्पाइस बोर्ड या खाद्य गुणवत्ता नियामक एफ़एसएसएआई को भी हांगकांग या सिंगापुर में नियामकों या अधिकारियों की तरफ से किसी तरह की कोई ख़बर या टेस्ट रिपोर्ट नहीं मिली है.

कंपनी ने कहा है कि "ये इस बात की पुष्टि करता है कि एमडीएच के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं जिनके पक्ष में कोई भरोसेमंद सबूत पेश नहीं किए गए हैं."

कंपनी ने उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाया और कहा, "एमडीएच अपने खरीदारों और उपभोक्ताओं को अपने सभी उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता का भरोसा दिलाती है. हम ये भरोसा दिलाते हैं कि उत्पादन के किसी भी स्टेज, स्टोर करने, मसाला बनाने या मसाले पैक करने की प्रक्रिया में हम एथिलीन ऑक्साइड का इस्तेमाल नहीं करते."

कंपनी ने कहा कि वो भारतीय बाज़ार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन करती है.

कंपनी ने कहा, "हम दावा करते हैं 'असली मसाले सच-सच'. हमारे उत्पाद इस प्रतिबद्धता को दोहराते हैं और हम अपने उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले मसाले सप्लाई करते हैं."

एवरेस्ट ने क्या कहा?

न्यूज़ वेबसाइट विऑन को दिए जवाब में एवरेस्ट ने कहा है कि वो पचास साल पुराना और प्रतिष्ठित ब्रांड है.

एवरेस्ट ने कहा है, ‘’हमारे सभी प्रोडक्ट कड़ी जांच के बाद ही तैयार और एक्सपोर्ट किए जाते हैं. हम साफ-सफाई और फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड का कड़ाई से पालन करते हैं. हमारे प्रोडक्ट्स पर इंडियन स्पाइस बोर्ड और एफएसएसएआई समेत सभी एजेंसियों की मुहर है.’’

एवरेस्ट ने कहा है, ‘’हर एक्सपोर्ट से पहले हमारे प्रोडक्ट स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया की जांच से गुज़रते हैं. फिलहाल हम आधिकारिक सूचना का इंतज़ार कर रहे हैं. हमारी क्वालिटी कंट्रोल टीम इस मामले की पूरी जांच करेगी.’’

क्या है मामला? GETTY IMAGES लेबोरेट्री में मसालों की क्वालिटी चेकिंग

हाल ही में हांगकांग के फूड सेफ़्टी विभाग ने एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ पैकेटबंद मसालों में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने का दावा किया था और इसकी ख़रीद-बिक्री को भी रोकने को कहा था.

विभाग ने कहा कि एमडीएच के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है.

सिंगापुर में भी एवरेस्ट के फिश करी मसाले को बाज़ार से वापस लेने के निर्देश दिए गए थे.

देश में इस मसाले के आयातक मुथैया एंड संस प्राइवेट लिमिटेड को कहा गया है कि वो इस प्रोडक्ट को बाज़ार से वापस ले ले.

सिंगापुर की फूड एजेंसी ने कहा है कि उपभोक्ता एवरेस्ट के फिश करी मसाले का इस्तेमाल न करें.

सिंगापुर की फूड एजेंसी ने अपने इस फैसले के समर्थन में हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग की ओर से जारी उसी निर्देश का हवाला दिया है, जिसमें एमडीएच के तीन मसालों और एवरेस्ट के फिश करी मसाले में कैंसर का खतरा पैदा करने वाले तत्व होने की बात कही गई थी.

सिंगापुर की फूड एजेंसी ने कहा है कि एथिलीन ऑक्साइड की कम मात्रा से किसी फौरी जोखिम का ख़तरा नहीं है. लेकिन लंबे समय तक इस्तेमाल से इस तरह के केमिकल से स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है.

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