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भगवान विष्णु आज से एक महीने के लिए निद्रा में लीन होंगे, इन उपायों से मिलेगा शुभ फल


भगवान विष्णु को समर्पित हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख शुरू हो गया है। यह पवित्र महीना 23 मई को समाप्त होगा। वैशाख माह में देवी-देवताओं को समर्पित धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। स्कंद पुराण के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने वैशाख माह को हिंदू कैलेंडर के सभी महीनों में सर्वश्रेष्ठ बताया है। ऐसा माना जाता है कि यह महीना मां की तरह सभी प्राणियों को सदैव वांछित वस्तुएं प्रदान करता है।

वैशाख माह में भगवान विष्णु की आज्ञा से सभी देवी-देवता जन कल्याण के लिए जल में निवास करते हैं। स्कंद पुराण में वैशाख माह को पुण्य सृजन का माह कहा गया है और इसे माधव माह कहा गया है। इस महीने में स्नान, दान, जप और तप से भगवान विष्णु के आशीर्वाद से लोगों को सुख और समृद्धि मिलती है। इस महीने में जीवन की परेशानियां खत्म हो जाती हैं। भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस महीने में सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए। इस माह में जप, तप और दान बहुत शुभ फलदायी माना जाता है।

इस माह में सेवा करने से विशेष फल मिलेगा
शास्त्रों में इस माह को संयम, अहिंसा, अध्यात्म, स्वावलंबन और जनसेवा का माह माना गया है। इसलिए आप किसी भी प्रकार की सेवा करें, जितना अधिक करेंगे, उतना अधिक पुण्य आपको मिलेगा। इस महीने में धूम्रपान, मांसाहार, शराब पीना और परनिंदा जैसी बुराइयों से बचना चाहिए। इसके साथ ही भगवान विष्णु की पूजा और सेवा करनी चाहिए और उनके सगुण या निर्गुण रूप का ध्यान करना चाहिए।

बैसाख में जल दान का विशेष महत्व
वैशाख के इस आध्यात्मिक महीने में, भगवान शिव को जल चढ़ाना या गैलेंटिका बंधन (जल से भरी चटाई लटकाना) को विशेष पुण्य कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस महीने में तालाब बनवाना, छायादार वृक्ष की रखवाली करना, पशु-पक्षियों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करना, राहगीरों को पानी पिलाना आदि कार्य करने से सुख-समृद्धि मिलती है। स्कंद पुराण के अनुसार इस माह में जल दान करना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। इस माह में जल दान करने से कई तीर्थ करने का पुण्य मिलता है।

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