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भगवान को भोग लगाने की विधि: इन बातों का रखें ध्यान, भूलकर भी न करें ये गलतियाँ


सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा के बाद भोग लगाने की परंपरा है। पूजा के दौरान भोग लगाना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। कई लोग खाना परोसते समय अनजाने में कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिसका बाद में उन्हें बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है। इसलिए देवी-देवताओं को भोग लगाते समय आपको ये गलतियां करने से बचना चाहिए ताकि देवता आपका प्रसाद स्वीकार कर आपको आशीर्वाद दे सकें।

1. केले का पत्ता
ऐसा माना जाता है कि केले के पौधे में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वास होता है। वहीं केले के पौधे को बृहस्पति देव से भी जोड़ा जाता है। पूजा में केले के पत्तों का प्रयोग करने से भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा से केले के पत्ते धार्मिक कार्यों में आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर देते हैं इसलिए भगवान को केले के पत्ते पर भोग लगाना बहुत शुभ होता है।

2. पलाश का पत्ता
देवी-देवताओं को पलाश के फूल चढ़ाने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है। वहीं पलाश के पत्ते पर फैला प्रसाद स्वर्ण पात्र के समान माना जाता है इसलिए हो सके तो इसे भी पलाश के पत्ते पर रखकर भगवान को अर्पित करना चाहिए।

3. मीठी सुपारी
पान के पत्ते को लेकर ऐसी मान्यता है कि भगवान की पूजा में अन्य प्रकार के प्रसाद के साथ पान का पत्ता चढ़ाने से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। पान के पत्तों का इस्तेमाल सिर्फ पूजा-पाठ के लिए ही नहीं बल्कि ज्योतिषीय उपायों के लिए भी किया जाता है।

4. आम के पत्ते
घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों को तोरण के रूप में लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मुख्य द्वार पर आम के पत्तों से बना तोरण लगाने से घर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। भगवान के प्रसाद में अगर आम के पत्तों का इस्तेमाल किया जाए तो भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

5. कौन सी धातु का उपयोग करें
भगवान को भोग लगाने के लिए हमेशा सोना, चांदी, तांबा या पीतल के बर्तन ही चुनें। इसके अलावा मिट्टी या लकड़ी के बर्तन में भी प्रसाद चढ़ाया जा सकता है। खाने में कभी भी एल्युमीनियम, लोहा, स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। भोग लगाने के बाद उसे कुछ देर के लिए मंदिर में ही छोड़ दें, फिर सभी में बांट दें।

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