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केके पाठक ने लोकसभा चुनाव में टीचरों की बढ़ाई टेंशन, स्कूल के बाद घर-घर जाकर लोगों को समझानी होगी ये बात

पटना: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने एक बार फिर शिक्षकों की टेंशन बढ़ा दी है। अब शिक्षकों को स्कूल के बाहर भी नौकरी करनी पड़ेगी। अब राज्य के सभी शिक्षकों को घर-घर जाकर अभिभावकों से मिलना होगा। इतना ही नहीं शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक करेंगे। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से आवश्यक निर्देश दिया गया है।
मतदान में भाग लेने के लिए अभिभावकों को जागरूक करेंगे शिक्षकबताया जा रहा है कि शिक्षक अभिभावकों को मतदान में भाग लेने के लिए जागरूक करेंगे। अभिभावकों को मतदान का महत्व समझाने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्कूल के शिक्षक अपने पोषक क्षेत्र में डोर-टू-डोर अभियान चलाएंगे। स्कूल के शिक्षक अपने पोषक क्षेत्र के अभिभावकों को बताएंगे कि बेहतर लोकतंत्र के लिए मतदान में भाग लेना कितना जरूरी है। इसके साथ ही शिक्षक शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी अभिभावकों के बीच जाएंगे और उन्हें मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूक करेंगे।
अलग-अलग चरणों में मतदान में भाग लेने के लिए करेंगे जागरूकजिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि फिलहाल स्कूलों में दो घंटे के लिए दक्ष क्लास और विशेष कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग से निर्देश जारी होने के बाद शिक्षक अलग-अलग चरणों में अभिभावकों को मतदान में भाग लेने के लिए जागरूक करेंगे। ये लोग बताएंगे कि मतदान करना कितना जरूरी है और कई अन्य बातों की भी जानकारी देंगे। 2015 के बाद नियुक्त होने वाले अप्रशिक्षित टीचरों की तलाशउधर, शिक्षा विभाग उन शिक्षकों की कुंडली तैयार कर रहा है, जो अप्रशिक्षित होने के बावजूद 31 मार्च 2015 के बाद बहाल हुए हैं।
इस संबंध में स्थापना शाखा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अवधेश कुमार ने पत्र जारी कर सभी बीईओ को निर्देश दिया है कि 31 मार्च 2015 के बाद स्थानीय निकायों की ओर से नियुक्त सभी शिक्षकों का ब्योरा जल्द से जल्द कार्यालय को उपलब्ध कराएं। इसके लिए एक निर्धारित प्रारूप भी उपलब्ध करा दिया गया है।

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