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वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर से बाहर निकलते समय क्यों नहीं बजानी चाहिए घंटी, जानें कारण

मंदिर में प्रवेश करते ही भक्त घंटी बजाकर भगवान को नमस्कार करते हैं। मंदिर में घंटी बजाने से कई धार्मिक और आध्यात्मिक पहलू जुड़े हुए हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंदिर की घंटी से वास्तु शास्त्र में भी कई नियम बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र में मंदिर की घंटी को सकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर की घंटी सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होती है।
ज्यादातर लोगों को यह बात तो पता होती है कि मंदिर के अंदर प्रवेश करते समय घंटी बजानी चाहिए लेकिन ज्यादातर लोगों के मन में मंदिर से निकलते हुए यह ख्याल आता है कि क्या उन्हें बाहर जाते हुए भी घंटी बजानी चाहिए? वास्तु शास्त्र में इससे जुड़ी कई बातें बताई गई हैं। आइए, जानते हैं- मंदिर में क्यों बजाते हैं घंटीध्वनि को ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है। माना जाता है कि जब भी मंदिर की घंटी बजाई जाती है, तो घंटी बजाने वाले और आसपास के लोगों में ऊर्जा का संचार होता है। वहीं, वास्तु शास्त्र के साथ ही स्कंदपुराण में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि जब मंदिर की घंटी बजाई जाती है, तो यह 'ॐ' की ध्वनि के समान होती है।
'ॐ' की ध्वनि को बहुत ही शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए मंदिर में प्रवेश के समय घंटी बजानी चाहिए। वहीं, घंटी बजाने का एक वैज्ञानिक पहलू यह भी है कि मंदिर में घंटी बजाने से वातावरण में तेज कंपन उत्पन्न होता है, जिसकी वजह से आसपास के जीवाणु-विषाणु नष्ट हो जाते हैं, इसलिए वातावरण को शुद्ध करने के लिए मंदिर में घंटी बजाई जाती है। मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी बजानी चाहिए?कई लोगों के मन में यह भी सवाल आता है कि क्या मंदिर से बाहर निकलते समय भी घंटी बजानी चाहिए? कई लोग एक-दूसरे को देखकर और बिना कारण जाने ही मंदिर से निकलते हुए भी घंटी बजा देते हैं लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार आपको मंदिर से बाहर निकलते हुए घंटी नहीं बजानी चाहिए क्योंकि इससे आप मंदिर की सकारात्मक ऊर्जा को वहीं पर छोड़ देते हैं, इसलिए मंदिर से बाहर निकलते समय कभी भी घंटी नहीं बजानी चाहिए।

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