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डिस्क ब्रेक और ड्रम ब्रेक में क्या है अंतर और इनके क्या हैं फायदे, जान लिए तो आपकी सुरक्षा हो जाएगी बेहतर

आजकल वाहनों में दो प्रकार के ब्रेक्स, यानी डिस्क ब्रेक और ड्रम ब्रेक दिखते हैं। ये दोनों ब्रेकिंग सिस्टम हैं, जो वाहनों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डिस्क ब्रेक एक रोटेटिंग मेटल डिस्क का इस्तेमाल करके पहियों को रोकते हैं। वहीं, ड्रम ब्रेक एक क्लोल्ज मेटल प्लेट का उपयोग करके पहियों को रोकते हैं। अब आपके फायदे की बात बताएं तो डिस्क ब्रेक ज्यादा तेजी से ब्रेक लगाते हैं और गर्म होने पर भी बेहतर काम करते हैं।
वहीं, ड्रम ब्रेक कम खर्चीले होते हैं और कम गंदा होते हैं। ऐसे में अब आपको इन दोनों ब्रेकिंग सिस्टम की खूबियों के बारे में बताते हैं। ड्रम ब्रेक (Drum Brake) में क्या कुछ खासड्रम ब्रेक परंपरागत ब्रेकिंग सिस्टम है, जो ज्यादातर कम कीमत वाली गाड़ियों में पाया जाता है। इसमें घूमने वाले पहिए के अंदर एक मेटल प्लेट जैसा घूमने वाला हिस्सा होता है, जिसे ब्रेक ड्रम कहते हैं। ब्रेक लगाने पर, घर्षण पैदा करने के लिए ड्रम के अंदरूनी हिस्से से जुड़े ब्रेक शूज इस ड्रम के संपर्क में आते हैं। ड्रम ब्रेक कम जटिल और सस्ते होते हैं।
इनकी सील बंद संरचना इसे गंदगी और पानी से बचाती है। डिस्क ब्रेक की खास बातेंडिस्क ब्रेक्स आधुनिक ब्रेकिंग सिस्टम हैं, जो गाड़ियों को जल्दी रोकने में मदद करते है। इसमें पहिए के साथ जुड़ा एक चिकना रोटेटिंग मेटल लगा होता है, जिसे डिस्क ब्रेक रोटर कहा जाता है। ब्रेक लगाने पर कैलीपर नाम का एक जंगी हिस्सा हाइड्रॉलिक दबाव या तार के माध्यम से ब्रेक पैड को घूमते हुए रोटर के दोनों ओर दबाता है और इस घर्षण से पहिया रुक जाता है। डिस्क ब्रेक ज्यादा तेज और प्रभावी ढंग से काम करते हैं और खास तौर पर गीली या गर्मी की स्थिति में ये अच्छा काम करते हैं।
हवा में खुले होने के कारण डिस्क ब्रेक जल्दी ठंडे हो जाते हैं।आखिर में आपको बता दें कि ज्यादातर टू-व्हीलर खरीदने वाले आजकल डिस्क ब्रेक वाले वेरिएंट ही खरीदना पसंद करते हैं, क्योंकि इनमें ब्रेक रिस्पॉन्स ड्रम ब्रेक्स के मुकाबले बेहतर होते हैं। कार के संदर्भ में भी यही है। हालांकि, जिनका बजट कम है, वे अपने लिए ड्रम ब्रेक्स से लैस कार या टू-व्हीलर खरीद लेते हैं।

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