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एक लाख रुपये लेकर जाएंगे तो इस देश में मिलेंगे पांच करोड़, बस पाकिस्तान को करना है पार

नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच फिलहाल युद्ध के बादल टल गए हैं। लेकिन ईरान की करेंसी रियाल पिछले कई साल से दुनिया की सबसे सस्ती करेंसी बनी हुई है। राजनीतिक अस्थिरता, ईरान-इराक युद्ध और न्यूक्लियर प्रोग्राम के कारण देश की करेंसी लगातार कमजोर होती गई। हाल में ईरान ने इजरायल पर हमला किया था। उसके बाद डॉलर के मुकाबले रियाल ऑल-टाइम लो पर चला गया था।
2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लगा दिए थे। इससे ईरान की इकॉनमी बुरी तरह प्रभावित हुई। देश की कच्चा तेल निर्यात करने की क्षमता प्रभावित हुई और विदेशी मुद्रा तक उसकी पहुंच मुश्किल हो गई। इन कारणों से ईरान की करेंसी लगातार गिरती रही। हालत यह है कि कंगाल पाकिस्तान की करेंसी के मुकाबले भी रियाल काफी कमजोर है।आज हालत यह हो गई है कि ईरान की करेंसी दुनिया में सबसे सस्ती है। एक भारतीय रुपये की कीमत 504.59 रियाल के बराबर है। यानी आप एक लाख रुपये लेकर ईरान जाएं तो आपको बदले में पांच करोड़ से अधिक रियाल मिलेंगे।
ईरान की सरकार ने साल 2018 में आधिकारिक रूप से एक डॉलर की कीमत 42,000 रियाल तय की थी लेकिन इजरायल पर ईरान के हमले के बाद इसकी कीमत 705,000 रियाल तक पहुंच गई थी। ईरान पहले ही कई तरह की परेशानियों से जूझ रहा है। अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण देश में महंगाई चरम पर है। इन प्रतिबंधों के कारण ईरान क्रूड और ऑयल प्रॉडक्ट्स को भी एक्सपोर्ट नहीं कर सकता है। ईरान के रेवेन्यू में इसकी अहम हिस्सेदारी है। इजरायल पर हमलाईरान ने 13 अप्रैल को इजरायल पर हमला किया था। माना जा रहा है कि इजरायल पर करीब 300 मिसाइलें और ड्रोन दागे गए।
इजरायल पर ईरान का यह पहला सीधा हमला था। हालांकि उसके इस हमले को इजरायल ने नाकाम कर दिया। ईरान का कहना था कि उसके सीरिया में उसके दूतावास पर हुए हमले का बदला लेने के लिए यह कार्रवाई की थी। इसके जवाब में इजरायल ने भी ईरान के एक शहर पर हमला किया। हालांकि ईरान ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दी। उसका कहना है कि उसकी जवाबी कार्रवाई करने की कोई मंशा नहीं है। इससे फिलहाल इस तनाव के थमने की उम्मीद की जा रही है।

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