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कॉल गर्ल को 140 दफा चाकू घोंपकर मारा, एक बाल से सुलझ गया 30 साल पुराना रहस्य

नई दिल्ली: वो 8 अगस्त की रात थी। पुलिस को फोन कर एक शख्स ने बताया कि उसकी पत्नी की हत्या हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची तो कमरे के अंदर खून से लथपथ 39 साल की महिला की लाश मिली। फर्श से लेकर बेडशीट तक, हर तरफ खून के निशान थे। पुलिस ने कमरे की तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला। ना कत्ल में इस्तेमाल हथियार और ना ही कातिल की पहचान से जुड़ा कोई सुराग।
केवल किचन में एक बैग मिला, जिसपर कई अंजान लोगों की उंगलियों के निशान थे। इस महिला की हत्या क्यों की गई? कातिल कौन था? कत्ल करने के बाद वो कहां फरार हो गया? और जब, उसकी उंगलियों के निशान किचन में मिले बैग पर थे, तो वो जल्दी से पकड़ा क्यों नहीं गया? ये वो सवाल थे, जिनका जवाब इस महिला के कत्ल के 30 साल बाद अब जाकर मिला है।मर्डर की ये सनसनीखेज वारदात लंदन में साल 1994 की है, जिसमें अब जाकर कातिल पकड़ा गया है। जिस महिला का कत्ल हुआ, उसका नाम था मरीना कॉपेल, जो पेशे से एक कॉल गर्ल थी। मरीना शादीशुदा थी, लेकिन पति से अनबन के चलते दोनों अलग रहने लगे थे।
हालांकि, अलग रहने के बावजूद पति-पत्नी में प्यार था और मरीना हर हफ्ते अपने पति से मिलने उसके घर जाती थी। दोनों की मुलाकात 1983 में एक कैसीनो में उस वक्त हुई, जब मरीना एक होटल में क्लीनिंग स्टाफ के तौर पर नौकरी करती थी। दोनों ने एक दूसरे को पंसद किया और शादी कर ली। कुछ वक्त बाद मरीना ने होटल की नौकरी छोड़कर पहले एक मसाज पॉर्लर में काम किया और बाद में एक कॉल गर्ल बन गई। मरीना के पति को उसका ये काम पसंद नहीं था और इसी वजह से दोनों अलग-अलग रहने लगे।मरीना के दो बच्चे भी थे, जिन्हें उसने अपने मां-बाप के पास कोलंबिया में भेज दिया था।
इन लोगों को खर्च के लिए वो हर महीने एक रकम भेजा करती थी। और इसीलिए, डेविड को भले ही मरीना का काम पसंद नहीं था, लेकिन वो उसे रोक नहीं सकता था। मरीना और डेविड की लाइफ में सबकुछ सामान्य चल रहा था। दो बेडरूम के फ्लैट में मरीना अकेले ही रहती थी, जिसमें से एक कमरा उसके ग्राहकों के लिए था। उसके ग्राहकों में सब थे, बिजनेसमैन, डॉक्टर और यहां तक कि कुछ नेता भी। मौत से एक दिन पहले 7 अगस्त को संडे के दिन मरीना अपने पति से मिलने उसके घर गई। दोनों के बीच फिर से बहस हुई और मरीना वापस लौट आई। इसके बाद पहले उसने अपने लिए कुछ शॉपिंग की, फिर होटल में अपने एक क्लाइंट से मिली और रात में अपने फ्लैट पर आकर सो गई।
अगले दिन मरीना और उसके पति डेविड के बीच फोन पर बातचीत हुई और दोनों में सुलह हो गई। कमरे में मरीना की लाश, लेकिन हत्या का कोई सबूत नहींदोपहर बाद डेविड ने एक बार फिर मरीना को फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। डेविड ने शाम तक कई बार उसे फोन किया, लेकिन मरीना की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा था। रात के 9 बज चुके थे और अब डेविड को उसकी चिंता हुई। वो सीधे उसके फ्लैट पर पहुंचा, जहां क्लाइंट वाले कमरे में मरीना की लाश पड़ी थी। डेविड ने पुलिस को फोन किया, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस को ऐसा कोई ठोस सुराग नहीं मिला, जिससे वो कातिल को पहचान सके।
मरीना का खून पूरे कमरे में फैला हुआ था और ये वो कमरा था, जहां उसके ग्राहक रेगुलर तौर पर आते थे। कमरे में बहुत सारे अंजान लोगों के फिंगर प्रिंट्स थे। इसके अलावा जो बैग किचन से मिला, उसपर भी कई लोगों की उंगलियों के निशान थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि उसका मर्डर शाम 5 बजे से रात 11:30 के बीच हुआ है। 2008 में फिर खुला केस और मिला पहला सबूतइस केस में पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था, कोई लीड नहीं थी, इसलिए कुछ दिन की जांच के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। वक्त गुजरता गया और साल 2008 में पुलिस ने एक बार फिर इस केस को खोला।
सारे सबूतों को फॉरेंसिंक जांच के लिए भेजा गया, जहां एक एक्सपर्ट की नजर मरीना की उस अंगूठी में फंसे एक छोटे से बाल पर पड़ी, जो उसने मर्डर के वक्त पहनी हुई थी। हालांकि, उस वक्त डीएनए टेक्नॉलजी इतनी अच्छी नहीं थी कि केवल एक बाल से किसी ऐसे प्रोफाइल का पता चल सके, जो इस मर्डर केस में शामिल हो। इसके अलावा पुलिस के रिकॉर्ड में भी ऐसा कोई नहीं मिला, जिससे उस बाल की डीएनए रिपोर्ट मेल खाए। पुलिस ने इस अंगूठी और उस बाल को सुरक्षित रख लिया और एक बार फिर इस केस की जांच कमजोर पड़ गई। और फिर एक गलती से पकड़ा गया मरीना का कातिलमरीना का कातिल शायद कभी ना पकड़ा जाता, लेकिन 14 सितंबर 2013 को पुलिस के सामने एक केस आया।
एक महिला ने पुलिस को फोन किया और बताया कि उसके बॉयफ्रेंड ने उसे बुरी तरह मारा-पीटा है। पुलिस मौके पर पहुंची तो महिला बुरी तरह घायल थी और उसके चेहरे से खून बह रहा था। शिकायत के आधार पर पुलिस ने संदीप पटेल नाम के उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार कर लिया। मामला संगीन था, इसलिए संदीप का डीएनए पुलिस के डेटाबेस का हिस्सा बन गया। संदीप के ऊपर अपनी गर्लफ्रेंड को घायल करने का केस चल ही रहा था, कि इसी बीच साल 2022 में एक बार फिर मरीना मर्डर केस की फाइल खुली। डीएनए टेक्नॉलजी अब काफी एडवांस हो चुकी थी और केस की जांच आगे बढ़ाने के लिए कातिल को वो बाल काफी था।
एक बार फिर पुलिस रिकॉर्ड में शामिल लोगों के प्रोफाइल से डीएनए रिपोर्ट मिलाई गई। रिजल्ट आया तो बस हैरान थे, क्योंकि ये प्रोफाइल और किसी का नहीं, बल्कि संदीप पटेल का था। अब पुलिस ने मरीना के कमरे से उसके पैरों के निशान सहित बाकी सबूत जुटाए और कोर्ट में पेश किए। मरीना के कत्ल की खौफनाक कहानीइसके बाद सामने आई मरीना के कत्ल की खौफनाक कहानी, जिसमें संदीप ने उसे 140 बार चाकू से गोदा था। पुलिस के मुताबिक, जिस दिन संदीप ने मरीना का मर्डर किया, उसकी उम्र महज 22 साल थी। उसके पिता एक न्यूज एजेंसी चलाते थे और वो उसी एजेंसी में काम करता था।
न्यूज एजेंसी में काम करते हुए संदीप इतना नहीं कमाता था कि मरीना जैसी हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल के पास जा सके। उस वक्त 1994 में ही मरीना अपने एक क्लाइंट से सर्विस के बदले 80 पाउंड (आज के हिसाब से करीब 8400 रुपए) लेती थी। इसके बावजूद संदीप ने ये रकम जमा की और मरीना के पास पहुंच गया। लेकिन, वहां पहुंचने के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि संदीप ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। आखिर क्या थी मरीना के मर्डर की वजहइस मामले में जो सबूत कोर्ट के सामने रखे गए, उन्हें देखते हुए संदीप को इसी साल 16 फरवरी को 19 साल की सजा सुनाई गई।
सजा सुनाने वाले जज ने अपने फैसले में कहा, 'हमें पूरा शक है कि संदीप ने इसलिए मरीना की हत्या की, क्योंकि वो उसके सामने सेक्सुअली परफॉर्म नहीं कर पाया। एक सेक्स वर्कर के पास जाने के बाद, जब आप उसके सामने सेक्सुअली परफॉर्म नहीं कर पाए, तो इसमें आपको अपना अपमान महसूस हुआ। आप उस हद तक अपमान से भर गए कि आपने अपना कंट्रोल खो दिया और मरीना की हत्या कर दी।' हालांकि, इस मामले में पुख्ता तौर पर हत्या की वजह किसी को नहीं पता चल पाई है, क्योंकि संदीप ने कोर्ट में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। उसने कहा कि उसे नहीं पता कि उसके फिंगर प्रिंट्स और उसका बाल मरीना के कमरे में कैसे पहुंचे।

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