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वो छह महीने की प्रेग्नेंट थी, लेकिन सनकी ने... एकतरफा इश्क, किडनैपिंग और मर्डर की यह कहानी रोंगटे खड़े कर देगी

नई दिल्ली: पुणे की एक बड़ी आईटी कंपनी में ग्राफिक डिजाइनर की नौकरी... उसकी हर बात का ख्याल रखने वाला पति और मां-बाप की तरह सिर-आंखों पर रखने वाले सास-ससुर। 24 साल की रूपाली चव्हाण के पास सब कुछ था। फिर जब परिवार को पता चला कि रूपाली मां बनन वाली है तो उसके लिए प्यार और देखभाल पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई। लेकिन, जब 2 अप्रैल को ऑफिस गई रूपाली शाम तक घर नहीं लौटी तो पूरा परिवार परेशान हो गया।
ऑफिस में साथ काम करने वालों से, दोस्तों से और रिश्तेदारों से पूछने के बाद भी जब रूपाली का कहीं कुछ पता नहीं चला तो अगले दिन उसके पति ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। रूपाली के साथ कुछ गलत ना हो, इसी आस में बैठे परिवार को अगले दिन पुलिस ने बताया कि उन्हें एक लाश मिली है। परिवार के लोग शिनाख्त के लिए पहुंचे तो पता चला कि वो लाश रूपाली की है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि रूपाली को गला घोंटकर मारा गया था। आखिर किसने और क्यों रूपाली की जान ली? महज कुछ दिनों बाद ही मां बनने जा रही रूपाली के साथ हुई इस हैवानियत का जिम्मेदार कौन था? इन सवालों का जवाब तलाशने में जुटी पुलिस, जब कुछ दिनों की तहकीकात के बाद कातिल तक पहुंची, तो सामने आई एकतरफा प्यार की खौफनाक कहानी।
मामला 2007 का है, जिसमें 14 साल बाद रूपाली को इंसाफ मिला है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, रूपाली जिस ऑफिस में नौकरी करती थी, वहीं गणेश उर्फ हनुमंत नानावरे नाम का एक शख्स कैब ड्राइवर के तौर पर काम करता था। नानावरे हर दिन रूपाली को कैब से ऑफिस छोड़ता और फिर वापस उसके घर। इसी दौरान वो मन ही मन रूपाली को पसंद करने लगा था। उसने रूपाली से बातचीत बढ़ाई और साथ ही उसके परिवार के लोगों से भी घुल-मिल गया। रूपाली को ऑफिस छोड़ने वाले बस ड्राइवर से मारपीटएक दिन किसी वजह से कंपनी ने नानावरे को नौकरी से निकाल दिया।
इसके बावजूद वो रूपाली से फोन पर बात करता और साथ ही परिवार के लोगों से भी मिलता-जुलता रहा। 31 मार्च 2007 के दिन, नानावरे ने किसी बात पर उस बस के ड्राइवर के साथ मारपीट की, जो रूपाली को हर दिन उसके घर से ऑफिस छोड़ती थी। अगले दिन रूपाली को जब इस बात का पता चला तो उसने फोन पर नानावरे को डांटा। साथ ही उसके परिवार वालों ने भी नानावरे से उसे दोबारा फोन ना करने की हिदायत दी। वो 2 अप्रैल 2007 का दिन था, जब रूपाली हर रोज की तरह अपने ऑफिस के लिए निकली। रूपाली उस वक्त 6 महीने की गर्भवती थी। कंपनी की बस ने उसे सोलापुर बाजार पुलिस चौकी के पास छोड़ा और यहां से नानावरे ने अपनी गाड़ी में रूपाली को किडनैप कर लिया।
हत्या वाले दिन कई बार किया था रूपाली को फोनपुलिस के मुताबिक, कुछ दूर ले जाकर नानावरे ने नायलॉन की एक रस्सी से रूपाली का गला घोंटकर उसे मार डाला। इसके बाद उसने अपने साथी प्रमोद टाकले की मदद से उसकी लाश को वृंदा घाट पर फेंक दिया। इस दौरान टाकले ने रूपाली के सभी सोने के गहने उतारे और उन्हें एक सुनार के पास गिरवी रखकर रुपए ले लिए। पुलिस को कुछ पता ना चले, इसके लिए उसने रूपाली के बाकी सामान को अलग-अलग जगहों पर फेंका। इधर, अगले दिन रूपाली के परिवार वालों ने जब बाकी लोगों के साथ-साथ नानावरे को भी फोन किया तो वो उनके घर आ गया।
रूपाली की तलाश में वो परिवार के लोगों के साथ भी गया, ताकि किसी को उसपर शक ना हो। वहीं, पुलिस भी मामले में छानबीन शुरू कर चुकी थी और रूपाली की कॉल डिटेल खंगाल रही थी। कॉल डिटेल से पता चला कि 2 अप्रैल के दिन नानावरे ने रूपाली को कई बार फोन किया था। नानावरे को उम्रकैद और टाकले को 7 साल की सजाअब पुलिस ने एक-एक कड़ी को जोड़ना शुरू किया और आखिरकार 17 अप्रैल को नानावरे को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद नानावरे की मदद करने के आरोप में प्रमोद टाकले भी पकड़ा गया। पुलिस जांच में रूपाली के अपहरण, उसकी बॉडी मिलने की जगह पर उस दौरान नानावरे का मोबाइल भी एक्टिव पाया गया।
अदालत में सारे सबूत पेश किए गए और 14 साल बाद 29 जनवरी 2021 को रूपाली के हत्यारे नानावरे को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। वहीं प्रमोद टाकले को 7 साल के लिए जेल भेजा गया। हालांकि नानावरे और टाकले ने कहा कि उन्हें इस केस में फंसाया गया है। नानावरे के वकील ने कहा कि उसके क्लाइंट की कोई क्राइम हिस्ट्री नहीं है, उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं, इसलिए उसके मामले में दया दिखाई जाए। लेकिन, कोर्ट ने कहा कि एक 6 महीने की गर्भवती महिला की हत्या कर नानावरे ने दो लोगों की जान ली है, इसलिए उसके ऊपर दया नहीं दिखाई जा सकती।

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