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संपादकीय: फ्री में चेक हो BP, सार्वजनिक जगहों पर हो इंतजाम

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट कहती है कि 18 से 54 वर्ष के 30% भारतीयों ने कभी अपना ब्लड प्रेशर चेक नहीं कराया। दिल और BP के नाजुक रिश्ते को देखते हुए यह रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाली है। इससे जाहिर होता है कि देश में ब्लड प्रेशर से जुड़ी बीमारियां बढ़ने के बावजूद इसे लेकर जागरूकता नहीं बढ़ रही। गंभीरता नहीं: अपने स्वास्थ्य को लेकर लोगों में आम भावना यही होती है कि बाहर से फिट दिख रहे हैं, तो भीतर से भी फिट ही होंगे।
हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं हुईं, जहां एकदम चुस्त-तंदरुस्त दिख रहे युवा सिलेब्रिटी का दिल दगा दे गया। दरअसल, जब तक बीमारी आती नहीं, तब तक लोग उसके बारे में नहीं सोचते। दुर्भाग्य से ब्लड प्रेशर को लेकर तो गंभीरता और भी कम है। भारी पड़ती नादानी: BP चेक नहीं कराने की एक बड़ी वजह है कि आमतौर पर लोग इसे बहुत हल्के में लेते हैं। उन्हें लगता है कि ब्लड प्रेशर का सामान्य से ऊपर-नीचे होते रहना आम बात है। वे इसे भविष्य में हो सकने वाले गंभीर बीमारियों के हमले के रूप में नहीं देखते। यही नादानी कई बार आगे चलकर भारी पड़ जाती है। संसाधनों की कमी:
ब्लड प्रेशर चेक न कराने की दूसरी वजह है संसाधन और वक्त की कमी। चूंकि आम नजर में यह कोई गंभीर मसला नहीं, इसलिए पहले तो BP चेक करने के लिए समय नहीं निकल पाता। फिर दिक्कत यह भी आती है कि BP चेक कहां कराया जाए। जरूरी नहीं है कि सभी के घर के पास कोई क्लिनिक या हॉस्पिटल हो। वहां मानसिकता यह हो जाती है कि जब कोई दिक्कत ही नहीं, तो बस BP चेक करवाने के लिए डॉक्टर के पास क्या जाना! हर जगह हो सुविधा: BP चेक करना कोई बहुत बड़ा टास्क नहीं है। इसके लिए कोई बहुत ज्यादा खर्च करने की जरूरत भी नहीं पड़ती। ऐसे में क्यों नहीं सामुदायिक केंद्रों, क्लब, होटल, ऑफिस वगैरह में भी BP चेक की सुविधा उपलब्ध करा दी जाए। यह काम इतना सरल होना चाहिए, जिसके लिए अलग से सोचना न पड़े। साथ ही, इस सेवा को निशुल्क और सभी की पहुंच में रखा जाए। इससे गरीब और वंचित तबके के लोग भी लाभ उठा सकेंगे। जागरूकता की जरूरत:
बीमारी पर खर्च करने से बेहतर है उसकी रोकथाम पर पैसा लगाना। ब्लड प्रेशर के साथ मामला यही है। सरकार और सामाजिक संस्थाएं इस बारे में जागरूकता अभियान चलाएं, जैसे कि पोलियो और टीबी वगैरह के लिए चला। सुरक्षित रहेगा दिल: ब्लड प्रेशर की वजह से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा भी कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। चिंताजनक रूप से भारत में हार्ट के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में BP चेक को एक हेल्पिंग टूल के रूप में देखा जाना चाहिए, जिसके जरिये दिल पर आने वाले खतरे को टाला जा सकता है।

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