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साल में दो बार होंगी CBSE की परीक्षाएं? केंद्र ने मांगा सुझाव

नई दिल्ली : साल मे दो बार बोर्ड परीक्षाओं लेकर शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के बीच चर्चाएं चल रही हैं। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि दो बार बोर्ड परीक्षाओं को लेकर सीबीएसई से डिटेल प्रपोजल मांगा गया है। सीबीएसई इस मसले पर काम कर रहा है। बोर्ड का प्रपोजल सामने आने के बाद ही कुछ तय हो सकता है।
बोर्ड प्रपोजल के बाद मंत्रालय और सीबीएसई अधिकारियों के बीच बैठक होगी, जिसमें हर बिंदु पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों का यह भी कहना है कि वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षाओं की टाइमिंग एक बहुत बड़ा सवाल है, क्योंकि जब तक पहली बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट नहीं आएगा, तब तक दूसरी बोर्ड परीक्षा नहीं हो सकती? बोर्ड एग्जाम के पैटर्न में भी बदलाव की तैयारीस्कूली शिक्षा के लिए तैयार किए गए नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के आधार पर बोर्ड एग्जाम के पैटर्न में बदलाव की तैयारियां होंगी। एनसीएफ में सिफारिश की गई है कि छात्रों के पास साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं देने का विकल्प रहेगा और वह दोनों परीक्षाओं में से बेस्ट स्कोर चुन सकता है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि दूसरी बोर्ड परीक्षा के लिए क्या विंडो होगी, इसको देखना बहुत जरूरी है। अभी बोर्ड एग्जाम 15 फरवरी से शुरू होकर अप्रैल की शुरुआत तक चलते हैं। इस बीच जनवरी के आखिर में इंजीनियरिंग के लिए जेईई मेन परीक्षा होती है। फिर बोर्ड एग्जाम शुरू हो जाते हैं। इस आधार पर तय होगा बोर्ड का शेड्यूल
बोर्ड एग्जाम के बाद जेईई मेन का दूसरा चरण होता है। फिर मई के पहले हफ्ते में मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET- UG होती है और 15-31 मई तक CUET-UG होती है। वहीं जून- जुलाई में दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत दूसरी यूनिवर्सिटीज में ग्रैजुएशन कोर्सेज में दाखिले होते हैं। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इन सबके बीच दूसरे बोर्ड एग्जाम की परीक्षा के लिए विंडो को तय करना होगा। जब पहले बोर्ड का रिजल्ट आएगा, उसके बाद ही दूसरे बोर्ड परीक्षा का शेड्यूल तय होगा। टाइमिंग को लेकर बड़ा सवालसीबीएसई इस बारे में प्रपोजल तैयार कर रहा है, जिसमें पहले और दूसरी बोर्ड परीक्षा की टाइमिंग को लेकर भी सुझाव दिया जाएगा। मंत्रालय ने सीबीएसई को कहा है कि दो बार बोर्ड परीक्षा को लेकर हर पहलू पर विचार कर प्रपोजल तैयार हो और उसके बाद ही कोई फैसला होगा। छात्रों व पैरंट्स को पूरे पैटर्न के बारे में पहले से बताया जाना जरूरी है। इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा तैयार किए गए एनसीएफ में वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा करवाने की सिफारिश की गई थी।

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