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ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत होते ही ऐसे करें पहचान

भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं की मौत का कारण भी बनता है। शरीर के किसी भी हिस्से में कोशिकाओं की असामान्य और अनियंत्रित वृद्धि होने से कैंसर हो जाता है। इसी तरह से ब्रेस्ट कैंसर भी होता है। आनुवांशिक कारणों से भी ब्रेस्ट कैंसर होता है इसलिए शुरुआती जांच कराना जरूरी है। अगर पहले से ध्यान दे दिया जाए तो दवा के जरिए इसको सही किया जा सकता है।

एक खास कारण यह भी है कि महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों की सही जानकारी न हो पाने के चलते इसका शुरुआती दौर में पता नहीं चल पाता है।

ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत होते ही दिखाई देते हैं ये लक्षण
1- ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत में ब्रेस्ट और अंडरआर्म के आसपास गांठे बनने लगती हैं। जिसके कारण दर्द होने लगता है।
2- ब्रेस्ट और अंडरआर्म के आसपास गांठों में दर्द के साथ कभी-कभी चुनचुनाहट भी होती है।
3- ब्रेस्ट कैंसर होने की स्थिति में ब्रेस्ट के आसपास की स्किन बॉडी के अन्य स्किन से अलग दिखन लगती है।
4- ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआत होते समय में ब्रेस्ट सख्त हो जाते हैं और त्वचा लाल हो जाती है।
5- निप्पल में तो कोई बदलाव नहीं आता है लेकिन उनसे लिक्विड निकलता रहता है।

ब्रेस्ट कैंसर में इनके सेवन से होगा फायदा
1. काली मिर्च-
काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट की अधिक मात्रा होने के कारण यह किसी भी प्रकार के कैंसर के लिए फायदेमंद है। इसलिए भोजन में काली मिर्च का सेवन ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से बचाता है।

2. टमाटर- टमाटर में एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है। इसके अलावा टमाटर में विटामिन ए, सी और ई पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। टमाटर का सेवन करना ब्रेस्ट कैंसर लाभकारी होता है।

3. लहसुन- लहसुन खाने से शरीर में कार्सिनोजेनिक कंपाउंड बनने से रोकता है। इससे ब्रेस्ट कैंसर में फायदा होता है। इसके अलावा लहसुन में भी एंटीऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है।

4. अदरक- अदरक के सेवन करने से शरीर में मौजूद टॉक्स‍िन्स दूर होते हैं। अदरक के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका बहुत कम हो जाती है।

5. ग्रीन टी- ग्रीन टी पीना कई प्रकार के कैंसर में फायदा करता है। रोज ग्रीन टी पीने से कैंसर कोशिकाओं नहीं बनती है। इसलिए बेस्ट कैंसर की आशंका होने पर ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए।

बचाव के अन्य उपाय
-व्यायाम और योगा को नियमित रूप से करें।
-धूम्रपान और नशीले पदार्थों से दूर रहें।
-नमक का अधिक सेवन न करें।
-रेड मीट को खाने से बचें।

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