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Barwani News: बड़वानी में इस स्कूल के सभी बच्चे बोर्ड एग्जाम में हुए फेल, एजुकेशन विभाग ने लिया एक्शन, हटाया पूरा स्टाफ

बड़वानी: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के पानसेमल ब्लॉक के मलफा में अजीब मामला सामने आया है। यहां कक्षा 12वीं में परीक्षा देने वाले सभी विद्यार्थी फेल हो गए हैं। इसके अलावा पिपरानी के हाई स्कूल में भी 10वीं कक्षा के सारे विद्यार्थी फेल हो गए हैं। इस मामले में अब बड़ा एक्शन लिया गया है। दरअसल, हाल ही में माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) के एग्जाम के रिजल्ट सामने आए हैं।
इसमें पानसेमल ब्लॉक के मलफा स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में क्लास 12वीं के सभी 85 विद्यार्थी फेल हो गए हैं। इसी तरह हाई स्कूल पिपरानी के क्लास 10वीं के 41 में से 41 बच्चे फेल हो गए। बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट ने किया हैरानपानसेमल के ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर अरुण मिश्रा ने आज मलफा स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि स्कूल में कक्षा 12 में आर्ट्स और साइंस के कुल 89 विद्यार्थी हैं। इनमें से 85 ने परीक्षा दी थी लेकिन सभी फेल हो गए। 81 पूरी तरह से फेल हो गए हैं जबकि चार को सप्लीमेंट्री आई है।
बच्चों के परिजनों ने कार्रवाई की मांग कीसभी स्टूडेंट के फेल होने के बाद प्रदर्शन करने के लिए बच्चों परिजन स्कूल पहुंचे। बच्चों के परिजनों का कहना है कि हम बच्चों का रिजल्ट जीरो आया है। यहां टीचर बोलते है हम रोज पढ़ाते हैं। वहीं, बच्चों ने बताया कि रोज शिक्षक कुछ ना कुछ बीमारी का बहाना बनाकर नहीं पढ़ाते हैं। परिजनों का कहना है कि शिक्षकों के साथ सब पर कार्रवाई होना चाहिए। नहीं मिले सब्जेक्ट टीचरइस तरह के खराब रिजल्ट आने का कारण पूछे जाने पर बताया कि प्राचार्य आलोक सिसोदिया ने विषय वार शिक्षकों से विद्यार्थियों को नहीं पढ़वाया।
उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षक से कक्षा 12वीं की बायोलॉजी और केमिस्ट्री पढ़वाई गई। कक्षा 12वीं के लिए केमिस्ट्री के अतिथि शिक्षक की भी नियुक्ति नहीं की गई। उन्होंने बताया कि फिजिक्स का अतिथि शिक्षक उपलब्ध होने के बावजूद कॉमर्स के टीचर से गणित पढ़वाया गया। फिजिक्स का टीचर बीएससी तक गणित विषय पढ़ता है, इसलिए वह उन्हें गणित पढ़ा सकता था। सत्र के बीच में जब उनसे पूछा गया था, तब उन्होंने कहा कि पिछले साल के रिजल्ट अच्छे आए हैं, इसलिए इस बार भी रिजल्ट के लिए मैं जवाबदार रहूंगा। बच्चों पर थोपा फेल होने का ठीकराबीईओ ने बताया कि जब प्राचार्य से आर्ट्स के सभी फेल होने वाले बच्चों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बच्चों की नींव बहुत कमजोर है।
उन्हें लिखते ही नहीं आता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि वह बच्चे कक्षा 12वीं तक कैसे पहुंचे। इसी तरह 10वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम के भी बुरे हाल रहे और यहां 75 में से केवल पांच बच्चे पास हुए। स्टाफ पर गिरी गाजशासकीय हाई स्कूल पिपरानी की कक्षा 10 के सभी 41 विद्यार्थी फेल हो गए हैं। बीएलओ ने बताया कि ब्लॉक में पांच स्थान ऐसे हैं जहां 2 से 5% रिजल्ट रहा। बीईओ मिश्रा ने बताया कि मलफा स्थित विद्यालय के समस्त स्टाफ को हटा दिया गया है। इसके अलावा असिस्टेंट कमिश्नर ट्राईबल वेलफेयर डिपार्मेंट बड़वानी और डिप्टी कमिश्नर को जांच रिपोर्ट भेज कर कार्रवाई की अनुशंसा की जा रही है।
प्रिंसिपल ने दी सफाईउधर प्राचार्य आलोक सिसोदिया ने बताया कि हम रिजल्ट से आश्चर्यचकित हैं। हम कक्षा 12वीं के पुनः मूल्यांकन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया पिछले वर्ष यहां कक्षा 12वीं पास करने के बाद दो बच्चों का सिलेक्शन एमबीबीएस में हुआ था।

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