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'कल-परसों फिर से टिकट बदल जाए', अखिलेश यादव की कन्नौज से उम्मीदवारी पर जयंत चौधरी का तंज

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है। अखिलेश यादव स्वयं चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में अखिलेश यादव ने पहले चुनावी मैदान में न उतरने का निर्णय लिया था। लेकिन, कन्नौज में कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ती नाराजगी को देखकर अखिलेश यादव को स्वयं चुनाव में उतरने का फैसला लेना पड़ा।
गुरुवार को अखिलेश यादव ने कन्नौज से लोकसभा चुनाव का पर्चा दाखिल कर दिया। अखिलेश यादव के इस निर्णय पर सवाल खड़ा होने लगा है। अखिलेश यादव के सहयोगी रहे राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख जयंत चौधरी (JAYANT CHAUDHARY) ने इस मामले में करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है, यहां भी उम्मीदवार बदल जाए। हालांकि, कन्नौज सीट पर नामांकन का आज आखिरी दिन था। ऐसे में अब उम्मीदवार बदला जाना संभव नहीं है।अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गठबंधन टूट गया। अब जयंत चौधरी लगातार अखिलेश यादव पर हमलावर दिख रहे हैं।
विपक्षी गठबंधन का हिस्सा रहे जयंत चौधरी ने लोकसभा चुनाव से ऐन पहले अखिलेश का साथ छोड़ दिया। उन्होंने तब अखिलेश यादव और राहुल गांधी की रणनीति पर सवाल उठाए थे। लोकसभा चुनाव को लेकर इसके बाद सपा-कांग्रेस का गठबंधन हुआ। कांग्रेस को 17 और सपा के खाते में 63 सीटें गठबंधन के तहत मिली। सपा की ओर से अब तक करीब दर्जन भर सीटों पर उम्मीदवारों को बदला जा चुका है। हालिया बदलाव कन्नौज लोकसभा सीट पर हुआ है।कन्नौज सीट पर समाजवादी पार्टी ने पहले तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार घोषित किया। तेज प्रताप यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भतीजे हैं।
लोकसभा सभा चुनाव के मैदान में उनके उतारने की घोषणा के बाद कन्नौज सीट पर घमासान तेज हो गया। कन्नौज सांसद और भाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक के मुकाबले उन्हें कमजोर माना गया। सपा का जिला नेतृत्व अखिलेश यादव को उम्मीदवार बनाए जाने की मांग करने लगा। इसके बाद अखिलेश यादव ने खुद को उम्मीदवार घोषित कर दिया। आज उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया।अखिलेश यादव के नामांकन को लेकर एनडीए के स्टार कैंपेनर और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी का अलग ही बयान सामने आया। आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने कन्नौज से समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर अलग ही बात कही है।
उन्होंने तंज के अंदाज में कहा कि हो सकता है कल-परसो फिर से टिकट बदल जाए। जयंत का बयान ऐसे ही नहीं आया है। सपा ने लोकसभा चुनाव में अब तक दर्जन भर सीटों पर उम्मीदवारों को बदला है। इस प्रकार की स्थिति ने अखिलेश यादव की रणनीति पर सवाल उठने लगा है।

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