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25 साल पहले की कहानी: मोबाइल फोन, बुलेट प्रूफ जैकेट... माफिया मुख्तार अंसारी का आगरा की सेंट्रल जेल में जलवा

सुनील साकेत, आगरा: पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी का आगरा की सेंट्रल जेल में भी जलवा था। वह जेल में अपने पास बुलेट प्रूफ जैकेट और मोबाइल फोन रखता था। अंसारी को साल 1999 में आगरा की सेंट्रल जेल में लाया गया था। उसे बैरक नंबर 5 में रखा गया था। जब प्रशासन को इसकी जानकारी हुई तो तत्कालीन जिलाधिकारी आके तिवारी, एसएसपी सुबेश कुमार सिंह ने सेंट्रल में छापा मारा था।
उस छापे में मुख्तार के पास से पुलिस को बुलेट प्रूफ जैकेट, मोबाइल फोन और एक सिम बरामद हुआ था।माफिया, डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को बांदा में कॉर्डिएक अरेस्ट से मौत हो गई। वह बांदा की जेल में बंद था। गुरुवार साढ़े 8 बजे उसकी तबियत खराब हो गई तो उसे अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉन की मौत रमजान के महीने में हुई है। इसके साथ लोकसभा चुनाव का भी माहौल बना हुआ है। जिसके चलते प्रदेश भर में पुलिस हाई अलर्ट पर है। 63 साल की उम्र में गुरुवार को उसकी मौत हो गई। मुख्तार की मौत पर आगरा में भी अलर्ट है।
अंसारी साल 1999 में आगरा की सेंट्रल जेल में था। उसके खिलाफ आगरा में 25 साल से मुकदमा चल रहा है। जिसकी सुनवाई 4 अप्रैल 2024 को होनी थी। 25 साल पहले दर्ज हुआ था केसमुख्तार अंसारी के खिलाफ आगरा के थाना जगदीशपुरा में 1999 में केस दर्ज हुआ था। केस तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला ने दर्ज कराया था। मुख्तार के खिलाफ 25 गवाह थे। 17 गवाहों के बयान दर्ज हो गए थे। जबकि 4 गवाहों की मौत हो चुकी है। वादी शिवशंकर शुक्ला, डीएम आरके तिवारी, एसएसपी सुबेश कुमार सिंह, एसपी सिटी डीसी मिश्रा, एडीएम सिटी एके सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट पीएन दुबे, सीएमओ एके सक्सेना, एसपी सेंट्रल जेन केदारनाथ, डेप्युटी जेलर कैलाश चंद, एसआई रुपेंद्र गौड़ समेत 17 गवाहों ने अपने बयान दर्ज करा दिए थे।
4 अप्रैल को होनी थी सुनवाईमुख्तार अंसारी के खिलाफ आगरा की एमपी/एमएलए कोर्ट में वाद चल रहा था। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की कोरोना काल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी होती थी। 4 अप्रैल को अंसारी के केस की सुनवाई आगरा में होनी थी, लेकिन अब उसकी मौत के बाद केस ही खत्म हो जाएगा।

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