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फिरोजाबाद लोकसभाः जहां से हारी थीं डिंपल यादव, अक्षय यादव को लेकर वहां क्या है माहौल?

प्रवीन मोहता, फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के अंदरूनी इलाकों में जाने के लिए यूपी रोडवेज से बढ़िया कुछ भी नहीं है, लेकिन कई बार दूसरे राज्यों की बसें भी यूपी रोडवेज का बोझ कम कर देती हैं। कानपुर के झकरकटी बस अड्डे से एनबीटी की चुनावी यात्रा सोमवार सुबह 5 बजे शुरू हुई। यूपी रोडवेज की जगह तय समय पर राजस्थान रोडवेज की जयपुर जा रही बस RJ59 PA0054 आगे बढ़ी।
आईआईटी तक पहुंचने के दौरान ही बस का गलियारा भी फुल हो चुका था। चैत की नर्म ठंडी हवाओं के बीच सहयात्री सुरेंद्र नाथ से सवाल पूछा, वोट किसे देंगे? मुद्दे क्या हैं? सुरेंद्र ने सधे अंदाज में जवाब दिया, मैं कन्नौज के कॉलेज में लेक्चरर हूं। जिसने मंदिर बनवाया, वो क्रेडिट तो लेगा ही। क्या बेरोजगारी का असर पड़ेगा? सुरेंद्र बोले, लड़कों का स्तर तो सभी को पता है। बाकी सरकार को नई नौकरियां बनानी चाहिए। पुरानी पेंशन पर भी सोचना चाहिए। अनाज कम आ रहासुरेंद्र आगे बोले, लोग मौन नहीं हैं। सबको पता है कि किसे वोट देना है।
एक पर एक लदी सवारियों के बीच महिलाएं भी बस में खड़े होने को संघर्ष कर रही थीं। बस कंडक्टर काफी यात्रियों को रुपये लेकर टिकट नहीं दे रहा था। करीब बैठी बुजुर्ग महिला ने टिकट मांगा तो कंडक्टर ने जवाब दिया, छपवा रहे अम्मा। नई बनी जीटी रोड से कन्नौज, फर्रुखाबाद जाना बेहद आसान हो गया है। बुजुर्ग महिला हसीना इटावा से बेवर जा रही थीं। वोट किसे दोगी अम्मा? जवाब आया, हम तो चाहें कि सबै जीत जाएं। बाकी अनाज कम आ रहा अब। शिकोहाबाद में पसंद बंटीमैनपुरी होते हुए 10:10 बजे बस शिकोहाबाद पहुंची। शांत कस्बे शिकोहाबाद में एक आउटलेट के मालिक अवधेश कुमार से चुनाव का सवाल दागा तो बोले, देश आगे बढ़ना चाहिए।
लेकिन किसान चिल्ला रहा। किसान को दान नहीं दो, मानक बनाओ। पेपर लीक हो रहा। पढ़ाई और स्वास्थ्य का हाल देखिए। वोट किसे देंगे? जवाब आया-चंद्रसेन जादौन तो 5 साल आए नहीं, समय बेकार हो गया। इस बार अक्षय जीतेंगे। बात सुन वहां आए योगेश बोले, चुनाव से मुद्दे गायब हैं। मोदी से संतुष्ट नहीं हैं। शिकोहाबाद स्टेशन के बाहर फलों का ठेला लगाए घनश्याम मुस्कुराते हुए बोले- मोदी दोबारा आएंगे।सुहागनगरी फिरोजाबाद में मौलाना शरीफ उल कासमी दवाखाने के बाहर हाजी अली माइक से मदरसे के लिए चंदा मांग रहे थे।
टेबल पर 10, 20 रुपये के नोट और रेजगारी इकट्ठा है। चुनाव की बात करते ही अली बोले, हमारे शहर में लोग गरीबी से परेशान हैं। पढ़ाई और सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है। मजदूर तबका अपने बच्चों को कहां पढ़ाए। इस दवाखाने को चलाने में फिरोजाबाद के बीजेपी विधायक मनीष असीजा मदद करते हैं। वोट के सवाल पर अली बोले, मुकाबला सपा-भाजपा का है। मुस्लिम जरूर सपा की ओर देखेंगे। फिरोजाबाद के एक नामी उद्योगपति बताते हैं कि रात 8 से सुबह 8 बजे तक शहर में कोई इलाज नहीं मिलता। सरकारी अस्पताल वॉर्ड बॉय चलाते हैं। चूड़ी के कारखाने बंदयहां से आगे बढ़ने पर रंग-बिरंगी चूड़ियों के बाजार गली बोहरान में सन्नाटा है।
तेज धूप में दुकानदार ऊंघ रहे हैं। युवा दुकानदार प्रफुल्ल गुप्ता बोले, अपराध कम हुए हैं। बिजली चोरी नहीं होती। वोट तो बीजेपी को देंगे। कांच के कारोबार के लिए नामी फिरोजाबाद में कभी चूड़ी बनाने के 125 से ज्यादा कारखाने थे। महंगी गैस और कोलकाता, जयपुर से ब्रास की फैंसी चूड़ियों ने फिरोजाबाद की चमक फीकी कर दी। नतीजा, कोविड से अब तक 100 से ज्यादा चूड़ी फैक्ट्रियां बंद हो गईं। इन फैक्ट्रियों में 1-1.50 लाख मजदूर काम करते थे। इनमें अधिकतर मुस्लिम थे, जो अब बेरोजगार हैं। अली, प्रफुल्ल और जितेंद्र भी यही समस्या बताते हैं।
दोतरफा मुकाबले के आसारसपा ने रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय को प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी ने लंबे इंतजार के बाद निवर्तमान सांसद चंद्रसेन जादौन का टिकट काट कर विश्वदीप सिंह को लड़ाया। 2014 में विश्वदीप बीएसपी से लड़े थे। 2022 में वह बीजेपी में आ गए थे। बीएसपी ने सतेंद्र जैन सोली का टिकट काट आगरा के चौधरी बशीर को टिकट दिया। ज्यादातर लोगों का मानना है कि सीधा मुकाबला सपा-भाजपा का है। जाति-धर्म का गणितइस बार पांच विधानसभा सीटों में फिरोजाबाद सदर और टूंडला बीजेपी के पास है। जबकि शिकोहाबाद, जसराना और सिरसागंज सपा के कब्जे में है।
फिरोजाबाद सीट मुस्लिम बहुल है। सिरसागंज और जसराना में यादव वोटरों की बहुलता है। 2014 में सपा की जीत फिरोजाबाद, जसराना और शिकोहाबाद असेंबली सीटों से निकली थी। जबकि 2019 की बीजेपी की जीत टूंडला और फिरोजाबाद विस सीटों से आई थी। ओवरऑल मुस्लिम और यादव मतदाता मिलकर 32% से ऊपर हैं, जो सपा का आधार हैं। स्लॉटर हाउस मालिक और पूर्व मंत्री बीएसपी के बशीर को कुरैशी बिरादरी और मुस्लिम मजदूरों से आस है। अनाज और अन्य सरकारी स्कीमों के चलते दलित वोटरों को अपने पाले में रखना बीएसपी के लिए बड़ी चुनौती होगी।
बीजेपी की आस अनुमानित 23-24% सवर्ण, 10% जाटव और 15-18% गैर यादव ओबीसी आबादी से है। शिवपाल फैक्टर अहम2019 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाकर शिवपाल फिरोजाबाद से लड़े थे। शिवपाल को मिले 91 हजार से ज्यादा वोट सपा की हार की वजह थे। इसके चलते बीजेपी के चंद्रसेन 4.95 लाख मत पाकर विजेता बने थे। जबकि सपा के अक्षय 4.67 लाख वोट के साथ दूसरे नंबर पर अटक गए थे। जानकार कहते हैं कि निजी जुड़ाव की वजह से लोग शिवपाल को छोड़ नहीं पाए। खारिज हो गए 16 पर्चेफिरोजाबाद से दिल्ली पहुंचने के लिए 23 प्रत्याशियों ने पर्चे दाखिल किए थे।
इनमें कमियां बताकर 16 पर्चे खारिज कर दिए गए। मैदान में अब सिर्फ 7 प्रत्याशी बचे हैं। 10 साल में 15 साल बढ़ी उम्रलोग चटखारे लेकर बता रहे हैं कि बीजेपी प्रत्याशी विश्वदीप सिंह की उम्र 10 साल में 15 साल बढ़ गई। 2014 के शपथपत्र में विश्वदीप ने अपनी उम्र 60 साल बताई थी, जबकि ताजा शपथ पत्र में उम्र 75 साल लिखी गई है। इसलिए हारी थीं डिंपलफिरोजाबाद की राजनीति को करीब से समझने वाले बताते हैं कि 2009 में अखिलेश कन्नौज और फिरोजाबाद से लोकसभा चुनाव लड़े थे। जीतने के बाद उन्होंने बिना कोई मीटिंग फिरोजाबाद सीट छोड़ दी थी।
इससे फिरोजाबादी मतदाता नाराज हो गए। उपचुनाव में डिंपल प्रत्याशी बनीं, लेकिन राज बब्बर को जिताकर लोगों ने संदेश दे दिया था।

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