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क्या पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने से अंधे हो जाते हैं लोग, रेडिएशन का होता है खतरा? वैज्ञानिकों से समझें ऐसे मिथकों की सच्चाई

वॉशिंगटन: इस साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण आज यानी 8 अप्रैल को हो रहा है। अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा में सूर्य ग्रहण होगा। भारत और एशिया के अन्य हिस्सों में ये सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा लेकिन दुनियाभर के लोग साल की सबसे अहम खगोलीय घटनाओं में से एक को देखना चाहते हैं। नासा ग्रहण का लाइव स्ट्रीम कर रही है, ऐसे में दुनिया के बाकी हिस्सों के लोग स्क्रीन पर ग्रहण देख सकेंगे।
सूर्य ग्रहण की घटना दुनिया के खगोल विज्ञान में रूचि रखने वालों लोगों को तो आकर्षित करती ही है, साथ ही इसको लेकर अनगिनत मिथक और किंवदंतियां भी हैं। ऐसे कुछ मिथकों के बारे में हम बता रहे हैं, जिनको वैज्ञानिक पूरी तरह खारिज करते हैं।एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा मिथक है कि पूर्ण सूर्य ग्रहण अंधापन का कारण बन सकता है। हकीकत ये है कि पूर्ण ग्रहण के दौरान सूर्य का कोरोना केवल विद्युत चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित करता है, जो हानिरहित है। हालांकि सीधे सूर्य को देखने से रेटिना को नुकसान हो सकता है।
एक मिथक ये भी है कि गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए क्योंकि इससे शिशु को नुकसान हो सकता है। इसकी वास्तविकता ये है कि ग्रहण से निकलने वाला विद्युतचुंबकीय विकिरण सुरक्षित है, और इसका कोई सबूत नहीं है कि इससे अजन्मे शिशुओं को खतरा हो। बिजली आपूर्ति को सूर्य ग्रहण से नुकसान?पूर्ण सूर्य ग्रहण से बिजली आपूर्ति बाधित होती है, ये भी कहा जाता है। इसकी वास्तविकता ये है कि आधुनिक बिजली ग्रिड को इससे नुकसान नहीं होता है। एक और मिथक ये है किग्रहण के दौरान लगाए गए फूलों का रंग चमकीला हो जाता है।
इस दावे का समर्थन करने के लिए भी कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ग्रहण के दौरान तैयार किए गए भोजन में जहर फैल जाता है, ऐसे भी मिथक प्रचलित हैं लेकिन यह एक अंधविश्वास है। ग्रहण के दौरान कोई विकिरण उत्पन्न नहीं होता है जो भोजन को नुकसान पहुंचाए या जहरीला कर दे।एक मिथक है कि पूर्ण सूर्य ग्रहण पृथ्वी के ध्रुवों पर नहीं होता है। इसकी वास्तविकता ये है कि पृथ्वी पर किसी भी अन्य स्थान की तरह, पूर्ण सूर्य ग्रहण उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों दोनों पर हो सकता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह काला हो जाने की बात भी कही जाती है।
इसकी वास्तविकता ये है कि पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा की सतह पृथ्वी की रोशनी से मंद रूप से प्रकाशित होती है, जिससे इसकी चमक हल्की हो जाती है। ऐसा भी दावा किया जाता है कि सूर्य ग्रहण असाधारण खगोलीय घटनाओं के संकेत हैं। इसकी वास्तविकता ये है कि सूर्य ग्रहण पूर्वानुमानित घटना हैं जो आकाशीय पिंडों की नियमित गति के कारण होती हैं।

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