Success Story: मां के बिजनेस में लगा बेटी का हाथ, बरसने लगी लक्ष्मी, दुनिया में पहुंचा घर का अचार!
मां ने शुरू किया था अचार बनाना
वसुधा भोगराजू जब छह साल की थीं, तब उनके पिता ने एक कारोबार शुरू किया था। हालांकि, यह चल नहीं पाया। वित्तीय कठिनाइयों को दूर करने के लिए उनकी मां बी रेणुका देवी ने अचार बनाना शुरू कर दिया। उन्हें आंध्र प्रदेश का पारंपरिक अचार बनाने में महारात थी। कई साल तक अचार बनाने का यह काम लक्ष्मी फूड इंडस्ट्रीज के नाम से एक घरेलू व्यवसाय बना रहा। घाटे में चल रहे अचार के उस व्यवसाय को अब भोगराजू फूड्स नाम से जाना जाता है। यह सालाना 13 देशों में 20 टन अचार (29 किस्म) बेचकर 2 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करता है।
कई सेक्टरों में की नौकरी
वसुधा में हमेशा फैमिली बिजनेस से जुड़ने की इच्छा थी। कारोबार की समझ हासिल करने के लिए उन्होंने फाइनेंस में एमबीए किया। उनकी पहली नौकरी टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोलैंड में लगी थी। फिर उन्होंने बैंकिंग और टेलीकॉम सेक्टर में भी काम किया। वह वीकेंड पर अपनी मां की अचार बनाने वाली यूनिट में काम करते हुए बिताती थीं। यहां रेणुका ने अचार बनाने में मदद के लिए दो महिलाओं को काम पर रखा था।
नौकरी छोड़ी और शुरू किया यह काम
कुछ समय बाद नौकरी छोड़कर वसुधा ने वी आर कंसल्टिंग नाम की एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी शुरू की। सालों के अनुभव के साथ उनके लिए प्रोजेक्ट पाना आसान हो गया था। करीब उसी समय लोग विदेश में अपने परिवार के सदस्यों को अचार भेजने के लिए 3-4 लेयर्स पैकेजिंग की मांग करने लगे थे। तब तक वसुधा की मां ने कई तरह के अचारों को बनाना शुरू कर दिया था।
2018 में रजिस्टर हुई फर्म
नवंबर 2018 में वसुधा ने भोगराजू फूड्स को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में रजिस्टर किया। इसमें वसुधा और उनकी मां डायरेक्टर बनीं। भोगराजू फूड्स के अब ऑस्ट्रेलिया, यूएई, ब्रिटेन, अमेरिका, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया सहित 12 देशों में ग्राहक हैं। भोगराजू फूड्स के पास वर्तमान में चार श्रेणियों - अचार, मसाला, चटनी पाउडर और पापड़-फ्रायम्स में 100 एसकेयू (स्टॉक कीपिंंग यूनिट) हैं।
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