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Mumbai To Panvel: तो वसूली भाई को नहीं होगी जल्दी! मुंबई से पनवेल का सफर सिर्फ 9 मिनट में? महाराष्ट्र परिवहन निगम ने गजब ढाया

मुंबई: इस खबर की हेडलाइन पढ़कर आप हैरान हो सकते हैं, लेकिन यह जानकारी महाराष्ट्र परिवहन (एसटी) निगम की वेबसाइट पर दी गई है। आम तौर पर मुंबई से पनवेल सड़क यात्रा में कम से कम डेढ़ घंटे का समय लगता है। अगर आप ट्रैफिक जाम में फंस जाएं तो इस सफर में दो घंटे लग जाते हैं। हालांकि एसटी आरक्षण वेबसाइट पर समय सारिणी के अनुसार, मुंबई से पनवेल तक की यात्रा केवल नौ मिनट में पूरी होती दिखाई गई है।
मुंबई टू पनवले की बस कितने बजे?महाराष्ट्र टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई सेंट्रल से नारायणगांव के लिए एसटी बस सुबह 6.15 बजे मुंबई सेंट्रल से निकलती है। आरक्षण वेबसाइट के अनुसार, यह 6.19 बजे वाशी आगर पहुंचती है, जबकि पनवेल का समय 6.24 बजे है। यात्री एक ही समय पर घर से निकलते हैं। लेकिन एसटी एक से दो घंटे की देरी से आने के कारण यात्रियों को इंतजार करना पड़ता है। बस आती है एक-दो घंटे लेटछुट्टियों के मौसम में आम लोग रिजर्वेशन कराकर यात्रा करते हैं ताकि वे बैठकर यात्रा कर सकें। इसके लिए मोबाइल ऐप और वेबसाइट के जरिए रिजर्वेशन किया जाता है। बस प्रस्थान स्टेशन का समय आरक्षण टिकटों पर छपा होता है। यात्री उस समय के हिसाब से स्टेशन/स्टॉप पर पहुंचते हैं। लेकिन हकीकत में बस एक-दो घंटे में आ रही है, जिससे यात्रियों का गुस्सा बढ़ रहा है। कई बसों का आरक्षण वेबसाइट पर नहीं
आरक्षण वेबसाइट पर समय गलत है। वहीं डिपो या स्टेशन से प्रस्थान करने वाली कई बसों का आरक्षण वेबसाइट पर दिखाई नहीं दे रहा है। चूंकि एसटी बसें सीमित हैं, इसलिए उपलब्ध बसों का आरक्षण फुल लगता है। इसके कारण कई यात्रियों की रिपोर्ट है कि एसटी का यात्रा आरक्षण अनुभव खराब है। सिर्फ 30 फीसदी रिजर्वेशनएसटी कॉर्पोरेशन के नए मोबाइल ऐप और वेबसाइट पर रिजर्वेशन कराते समय सीट चुनने पर खाते से पैसे कट जाते हैं। लेकिन टिकट बुक न करने का अनुभव सार्वजनिक बस सेवा में काम आ रहा है ऐप और वेबसाइट में सुधार होबस फॉर अस फाउंडेशन (ट्रैवलर्स एसोसिएशन) के संस्थापक रोहित ढेंडे कहते हैं कि मुंबई-कोल्हापुर जैसी लंबी दूरी की एसटी ट्रेनें वेबसाइट पर नजर नहीं आ रही हैं। कुल बसों में से केवल 30 प्रतिशत ही यात्री आरक्षण के लिए उपलब्ध हैं। इससे ऐप और वेबसाइट में सुधार की काफी गुंजाइश है।- रोहित ढेंडे, संस्थापक, बस फॉर अस फाउंडेशन (ट्रैवलर्स एसोसिएशन)

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