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इस्लामिक क्रांति की रक्षक... ईरान की यह सेना इजरायल की सबसे बड़ी दुश्मन, क्या है इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड, जानें

तेहरान: ईरान ने रविवार के शुरुआती घंटों में इजरायल पर सैकड़ों हवाई हमले किए। ड्रोन और मिसाइलें दागी गईं। वर्षों से ईरान अपने प्रॉक्सी के जरिए इजरायल से लड़ाई लड़ता रहा है। लेकिन यह पहली बार है जब उसने इजरायल पर सीधा हमला बोला है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कहा कि हमला विशिष्ट लक्ष्यों को निशाना बनाकर किया गया था।
इस हमले के बाद से IRGC मध्य पूर्व में शुरू हुए तनाव के केंद्र में है। IRGC क्या है और इसका गठन कब हुआ। आइए समझें। IRCG ईरान की पारंपरिक सेना से अलग ईरानी सशस्त्र बलों की एक बहु-सेवा प्राथमिक शाखा है। ईरान की सेना जहां देश के संप्रभुता की रक्षा करती है तो IRGC का उद्देश्य आंतरिक और बाहरी खतरों के खिलाफ ईरान के इस्लामी गणराज्य की रक्षा करना है। अमेरिकी थिंक टैंक, काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में IRGC ने ईरान की विदेश नीति को दिशा देने में एक बड़ी भूमिका हासिल की है और यह देश की अर्थव्यवस्था के एक विशाल हिस्से पर कंट्रोल करता है। 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ने IRGC को एक आतंकी संगठन घोषित किया था।
कया है IRGC का इतिहासरॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की स्थापना ईरान की 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद रूहुल्लाह खुमैनी के आदेश पर की गई थी। ईरान की शिया मुस्लिम शासक प्रणाली की रक्षा करने के लिए इसे बनाया गया था। IRGC की ताकत की बात करें तो यह मध्य पूर्व में सबसे शक्तिशाली अर्धसैनिक संगठनों में से एक माना जाता है। अफगानिस्तान, इराक, लेबनान, फिलिस्तीनी क्षेत्रों, सीरिया और यमन में यह सहायता भी देता रहा है। कई रिपोर्टों के मुताबिक आज IRGC के पास सेना, नौसेना और एयरफोर्स के कुल 125,000-190,000 कर्मी हैं। यह ईरान की सेना से अलग है। कितनी है ताकतईरान के सबसे कट्टर दुश्मन इजरायल की बात करें तो उसकी सेना में लगभग 170,000 एक्टिव कर्मी और 465,000 रिजर्विस्ट हैं। IRGC में बासिज मिलिशिया भी शामिल है, जो स्वयंसेवी अर्धसैनिक बल है। इस मिलिशिया का इस्तेमाल अक्सर सरकार विरोधी प्रदर्शनों को दबाने के लिए होता है। लेबनान के हिज्बुल्ला और फिलिस्तीनी क्षेत्र में हमास जैसे सशस्त्र बलों के साथ IRGC के संबंध हैं। इसने ईरान को प्रभाव और अपनी ताकत दिखाने में मदद की है। IRGC की एक गुप्त शाखा भी है, जिसे कुद्स फोर्स कहा जाता है। 1 अप्रैल को कथित इजरायली एयर स्ट्राइक में मारा गया मोहम्मद रजा जाहेदी कुद्र फोर्स का वरिष्ठ कमांडर था।

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