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MDH, एवरेस्ट... भारत के बैन मसालों में मिला एथिलीन ऑक्साइड, सूंघने भर से हो सकता है कैंसर, जानें कितना खतरनाक

वॉशिंगटन: भारत के मसालों की क्वालिटी पर सवाल उठे हैं। गुणवत्ता से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए सिंगापुर और हांगकांग में एमडीएच और एवरेस्ट मसाले की कुछ किस्मों पर प्रतिबंध लगाया गया है। वाणिज्य मंत्रालय ने सिंगापुर और हांगकांग में भारतीय दूतावासों को प्रतिबंध के कारणों से जुड़ी एक डिटेल रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।
सिंगापुर और हांगकांग के फूड सेफ्टी रेगुलेटर्स का आरोप है कि एमडीएच और एवरेस्ट के चार मसाला प्रोडक्ट्स में कीटनाशक 'एथिलीन ऑक्साइड' स्वीकार्य सीमा से ज्यादा है। आइए समझें कि आखिर एथिलीन ऑक्साइड क्या है और ये कितना बड़ा खतरा है।एथिलीन ऑक्साइड कई इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाला रसायन है। यह एक कैंसर पैदा करने वाला कैमिकल है जो स्तन कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। साथ ही मनुष्यों में डीएनए, मस्तिष्क और तंत्रकि तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। कमरे के तापमान पर एथिलीन ऑक्साइड एक मीठी गंध वाली ज्वलनशील रंगहीन गैस है। इसका इस्तेमाल दूसरे रसायनों को बनाने में किया जाता है। साथ ही यह कीटाणुनाशक और स्टरलाइजिंग एजेंट के रूप में काम आते हैं।
कितना खतरनाक है एथिलीन ऑक्साइडअमेरिका की नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर लिखी जानकारी के मुताबिक एथिलीन ऑक्साइड की डीएनए को नुकसान पहुंचाने की क्षमता इसे एक प्रभावी स्टरलाइजिंग एजेंट बनाती है, लेकिन यह कैंसर पैदा करने के लिए भी जिम्मेदार है। एथिलीन ऑक्साइड इंसानों के शरीर में सांस के मार्ग से पहुंच सकता है। आम तौर पर इससे जुड़े बिजनेस में काम करने वाले, प्रोडक्ट के उपभोक्ता या पर्यावरणीय जोखिम के जरिए लोग एक्सपोज हो सकता हैं। एथिलीन ऑक्साइड बेहद विस्फोटक और प्रतिक्रियाशील होते हैं, जिस कारण इसके व्यावसायिक इस्तेमाल वाले उपकरण कसकर बंद किए जाते हैं या फिर ऑटोमैटिक होते है। इससे व्यावसायिक जोखिम कम हो जाता है। हालांकि इन सावधानियों के बावजूद औद्योगिक उत्सर्जन के कारण इसके आसपास रहने वाले लोग या श्रमिक संपर्क में आ सकते हैं। किस तरह की हो सकती है दिक्कत
  • इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) और अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) एथीलीन ऑक्साइड को इंसानों के लिए कैंसरकारी मानती है। EPA के मुताबिक इस कैमिकल का थोड़े समय के लिए संपर्क मानव तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है। इससे डिप्रेशन या आंखों में जलन हो सकती है। लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से आंखों, त्वचा, नाक, गले और फेफड़ों में जलन हो सकती है। मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को नुकसान हो सकता है।
  • EPA का कहना है कि कुछ सबूत दिखाते हैं कि एथिलीन ऑक्साइड के सांस के संपर्क में आने से महिला श्रमिकों में गर्भपात की वृद्धि कर सकता है।
  • EPA की रिपोर्ट के मुताबिक जानवरों में इस गैस से प्रजनन से जुड़े प्रभाव देखे गए हैं, जिसमें उनके शुक्राणु के कंसनट्रेशन में कमी देखी गई है।
  • यूएस नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के मुताबिक एथिलीन ऑक्साइड से लिंफोमा और ल्यूकेमिया हो सकता है। इसके अलावा यह पेट और स्तन कैंसर कर सकता है।
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