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जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र, बच्चों की पढ़ाई के लिए कौन सी दिशा है सबसे बेस्ट?

वास्तु शास्त्र में हर तरह की समस्या के लिए उपाय बताये गए हैं. इसमें आपको छोटी से छोटी समस्या से लेकर बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान मिल जाएगा. आज की यह आर्टिकल उन लोगों के लिए काम की साबित होने वाली है जिनके बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है या फिर पढाई करने के दौरान उनका मन भटक जाता है. आज हम आपको बताने वाले हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों की पढाई करने के लिए किस दिशा को सबसे बेस्ट माना जाता है.
तो चलिए जानते हैं.

पढाई करने के लिए पॉजिटिव वातावरण जरूरी

वास्तु शास्त्र की अगर मानें तो एक पॉजिटिव वातावरण में अगर बच्चे पढ़ाई करने बैठे तो ऐसे में वे ज्यादा बेहतर तरीके से फोकस कर पाते हैं केवल यहीं नहीं, उनमें उत्साह का भी संचार होता है. ऐसे में बच्चे किस जगह बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं इस बात का ख्याल माता-पिता के लिए रखना बेहद जरूरी हो जाता है. वास्तु शास्त्र की अगर माने तो बच्चे जिस जगह पढाई करने बैठ रहे हैं वह बिलकुल शांत और स्वच्छ होनी चाहिए. केवल यहीं नहीं, उनका स्टडी टेबल भी सही दिशा में होना चाहिए. वास्तु शास्त्र की अगर माने तो बच्चों के कमरे में अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से उनका ध्यान भटक सकता है. बच्चों के कमरे में शांत और मोटिवेटिंग रंगों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

पढाई करने के लिए कौन सी दिशा सबसे बेस्ट

वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों के पढाई करने के लिए पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशाओं को सबसे बेस्ट माना गया है. लेकिन, इनके अलावा भी कुछ दिशाएं हैं जिनमें बच्चे पढाई कर सकते हैं.

पूर्व दिशा में क्यों करें पढाई: अगर आप सोच रहे हैं कि बच्चों को पढाई करने के लिए पूर्व दिशा किस तरह से शुभ हो सकता है तो बता दें, इस दिशा में ही सूर्योदय होता है जिस वजह से यह दिशा कंसंट्रेशन, एनर्जी और नॉलेज प्रोवाइड करती है. अगर आपका बच्चा सुबह उठकर पढाई करता है तो ऐसे में यह दिशा सबसे बेस्ट माना जाता है.

पश्चिम दिशा में पढाई: इस दिशा में सूर्यास्त होता हैं जिस वजह से अगर आपके बच्चे इस तरफ चेहरा करके पढाई करें तो उनमें सोचने की शक्ति और क्रिएटिविटी को बढ़ावा मिलता है. अगर आपके बच्चे को आर्ट्स या फिर म्यूजिक में दिलचस्पी है तो यह दिशा सबसे बेस्ट है.

उत्तर-पूर्व दिशा में पढाई: इस दिशा को बुध ग्रह का दिशा बताया गया है. इस दिशा में मुख करके पढाई करने से बुद्धि और चीजों को याद करने की क्षमता को बढ़ावा मिलता है. अगर आपके बच्चे चीजें याद नहीं रख पाते हैं तो ऐसे में इस दिशा में मुख करने पढाई करना सबसे बेस्ट है.

दक्षिण दिशा: यह बात तो आप सभी जानते ही होंगे कि दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा कहा गया है. यमराज मृत्यु के देवता हैं जिस वजह से पढाई करने के लिए इस दिशा को सबसे कम अनुकूल बताया गया है.

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