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Chaitra Purnima 2024 की सबसे सरल पूजा विधि, होगी धन लाभ की प्राप्ति

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को खास बताया गया है जो कि हर माह में एक बार आती है पंचांग के अनुसार अभी चैत्र का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है जो कि आज यानी 23 अप्रैल दिन मंगलवार को मनाई जा रही है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है।

भक्त चैत्र पूर्णिमा के पावन दिन पर भगवान विष्णु के सत्यनारायण स्वरूप की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं साथ ही सत्यनारायण कथा का भी पाठ किया जाता है इसके अलावा पूर्णिमा तिथि माता लक्ष्मी की पूजा को भी समर्पित होती है इस दिन देवी साधना उत्तम फल प्रदान करती है और सारे कष्टों को हर लेती है चैत्र पूर्णिमा के दिन ही हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जाता है इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से प्रभु की कृपा बरसती है और कष्ट दूर हो जाते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि।

चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि—
आपको बता दें कि चैत्र पूर्णिमा के दिन उठकर पहले स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करते हुए भगवान को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प करें। अब भगवान सत्यनारायण की विधिवत पूजा करें रात्रि में चंद्र देव की विधिवत पूजा कर उन्हें जल अर्पित करना चाहिए। पूजा के बाद कच्चे अन्न से भरा हुआ घड़ा किसी जरूरतमंद या गरीब को दान कर दें।

पूर्णिमा के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना नहीं चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा के दौरान तुलसी के पत्ते प्रभु को जरूर अर्पित करें और इसे एक दो दिन पहले ही तोड़ कर रख लें। पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करें इसके बाद अपने व्रत का पारण करें। 

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