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नागौर सीट पर बेनीवाल और ज्योति मिर्धा की टक्कर, बिगड़ सकता है दोनों का चुनावी समीकरण, बड़ी खबरों के लिए देखें वीडियो

नागौर न्यूज़ डेस्क !!! लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में सभी प्रत्याशी जीत के लिए भीषण गर्मी में भी प्रचार में पसीना बहा रहे हैं. लेकिन प्रदेश की सबसे चर्चित और हॉट सीट बन चुकी नागौर में इस बार कड़ी टक्कर होने वाली है. इस बार भी उम्मीदवार पिछले लोकसभा चुनाव जैसा ही है यानी हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा फिर से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

फर्क सिर्फ इतना है कि उनकी भूमिकाएं बदल गई हैं. अब हनुमान बेनीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन में हैं. वहीं ज्योति मिर्धा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में इस चुनाव में दोनों उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर है.

नागौर के नतीजे राजस्थान की राजनीति पर असर डालते हैं

आपको बता दें कि नागौर लोकसभा सीट जाट बाहुल्य मानी जाती है और यह भी माना जाता है कि यह सीट जो परिणाम देती है वह न सिर्फ सबसे खास होती है, बल्कि इसका सीधा असर राज्य की राजनीति पर भी पड़ता है. इस बार भी ऐसा ही होता दिख रहा है, क्योंकि बीजेपी ने हर बार की तरह नागौर सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया है और ज्योति मिर्धा को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने आरएलपी के साथ गठबंधन कर हनुमान बेनीवाल को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में नागौर सीट पर मुकाबला आरएलपी-कांग्रेस बनाम बीजेपी के बीच हो गया है. बहरहाल, नागौर में ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल, बसपा के डॉ. सहित कुल 9 उम्मीदवार हैं। डॉ. गजेंद्र सिंह राठौड़ अरापा। राष्ट्रीय जनशक्ति पार्टी (सेक्युलर) के अशोक चौधरी, हनुमान सिंह कालवी के साथ अमीन खान, प्रेमराज खारड़िया, राजकुमार जाट और हरिराम निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं. लेकिन मुख्य मुकाबला हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा के बीच माना जा रहा है.

लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बसपा के डाॅ. डॉ. गजेंद्र सिंह, अरापा। अशोक चौधरी और राष्ट्रीय जनशक्ति पार्टी के हनुमान सिंह कालवी इन दोनों उम्मीदवारों का चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं. बसपा के गजेंद्र सिंह राजपूत काट सकते हैं वोट अशोक चौधरी भी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं. उन्होंने खींवसर से विधानसभा चुनाव भी लड़ा और 4300 से ज्यादा वोट हासिल किये. ऐसे में वे दोनों उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

नागौर की 8 में से 4 पर कांग्रेस, 2 पर बीजेपी ने कब्जा किया है

नागौर संसदीय क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी विधानसभा सीटों के हालिया विधानसभा चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो कांग्रेस की स्थिति थोड़ी मजबूत नजर आ रही है. आठ विधानसभा सीटों में से चार पर कांग्रेस का कब्जा है. जबकि दो सीटें बीजेपी के पास हैं. इसके अलावा एक आरएलपी और एक सीट निर्दलीय के पास है.

विधानसभा चुनाव में पार्टियों को इतने वोट मिले

विधानसभा चुनाव के वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो नागौर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को 46.82 फीसदी और बीजेपी को 38.96 फीसदी वोट मिले. जबकि जायल विधानसभा में बीजेपी को 39.20% और कांग्रेस को 38.33% वोट मिले. यहां आरएलपी ने भी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई और 18.24% वोट हासिल किए. इसी तरह खींवसर में आरएलपी को 37.97%, बीजेपी को 36.99% और कांग्रेस को 13.26% वोट मिले. जबकि डीडवाना विधानसभा में निर्दलीय प्रत्याशी को 36.21%, कांग्रेस को 34.99% और बीजेपी को 24.91% वोट मिले. लाडनूं विधानसभा में कांग्रेस को 50.19% और बीजेपी को 41.95% वोट मिले. नावान्न विधानसभा में बीजेपी को 52.53% और कांग्रेस को 40.68% वोट मिले. परबतसर विधानसभा में कांग्रेस को 46.52%, बीजेपी को 41.27% और आरएलपी को 10.26% वोट मिले. मकराना में कांग्रेस को 46.91%, बीजेपी को 32.66% और आरएलपी को 9.68% वोट मिले.

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