जानें Bihar Lok Sabha के चुनावी रण में किस-किस ने ठोकी ताल, ये बाहुबली पत्नियों के सहारे संसद पहुंचने की जुगाड़ में
बिहार न्यूज डेस्क् !!! बिहार की राजनीति में हमेशा सत्ता और धन का बोलबाला रहा है. बाहुबलियों ने यहां खूब राजनीति की है, लेकिन अब जब विभिन्न कारणों से उनकी राजनीतिक एंट्री बंद हो गई है, तब भी वे अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नियों को आगे कर दिया है यानी इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में कई बाहुबली अपनी पत्नियों के सहारे संसद पहुंचने की जुगत में हैं.
सबसे पहले बात बाहुबली आनंद मोहन की. ये वही आनंद मोहन हैं जिन पर 1994 में गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या का आरोप था. इस आरोप में वह 16 साल तक जेल में रहे और पिछले साल अप्रैल में रिहा हुए। अपने आपराधिक रिकॉर्ड और सजा के कारण आनंद मोहन खुद चुनाव नहीं लड़ सकते, इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी लवली आनंद को जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर मैदान में उतारा है. लवली आनंद बिहार की शिवहर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन बुरी तरह हार गईं। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले वह राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो गयीं और चुनाव लड़ रही हैं. आपको बता दें कि आनंद मोहन भी इस सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं. आनंद मोहन 1996 और 1998 में शिवहर लोकसभा सीट से सांसद चुने गये.
सीवान की पहचान भले ही देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के कारण रही हो, लेकिन पिछले काफी समय से सीवान की पहचान शहाबुद्दीन के रूप में हो गई है. अपराध की दुनिया से राजनीति में आये शहाबुद्दीन ने अपराध की दुनिया से अपना नाता नहीं तोड़ा है. शहाबुद्दीन पर सीवान में सोना कारोबारी चंदा बाबू के 3 बेटों की हत्या का आरोप था. 2004 में 2 बेटों की तेजाब से नहलाकर हत्या कर दी गई। तीसरे बेटे को भी 2015 में गोलियों से छलनी कर दिया गया था. नीतीश सरकार की सख्ती के कारण जेल गए शहाबुद्दीन ने सीखचैन में रहते हुए ही अंतिम सांस ली, लेकिन उनकी पत्नी हिना शहाब ने जेल में रहते हुए ही राजद के टिकट पर सीवान से अपनी किस्मत आजमाना शुरू कर दिया. 3 कोशिशें बेकार जाने के बाद निर्दलीय चौथी बार चुनावी रण में उतरे हैं.
अब बात करते हैं बिहार के कुख्यात अपराधी अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती की. बीमा के बारे में बात करने से पहले अवधेश मंडल को जान लीजिए. अवधेश मंडल पर हत्या और अपहरण के कई मामले दर्ज हैं. अवधेश की गिनती बिहार के खलनायकों और अपराधियों में होती है. अवधेश अपनी पत्नी को नेता बनाने में कामयाब रहे और उनकी पत्नी बीमा भारती पांच बार विधायक रही हैं. उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर जीता था, लेकिन विधायक होने के बावजूद उन्होंने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया और राजद में शामिल हो गईं। अब बीमा भारती लालू यादव की पार्टी राजद से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं. उन्हें पार्टी ने पूर्णिया लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
बाहुबली और आपराधिक छवि वाले नेता अशोक महतो भी इस बार चर्चा में हैं. उन्होंने अपनी पत्नी अनिता कुमारी को मुंगेर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है. अनिता यहां से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. आपको बता दें कि 2001 में जेल ब्रेक कांड में अशोक महतो को 17 साल की सजा हुई थी. 17 साल की सजा के बाद साल 2023 में उन्हें रिहा कर दिया गया। जिसके बाद वह खुद चुनाव नहीं लड़ सकते थे, इसलिए उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए ही अनिता देवी से शादी की. बताया जा रहा है कि लालू यादव से आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने खरमास में ही बिना किसी मुहूर्त के अनिता देवी से शादी कर ली, जिसके बाद राजद ने उनकी पत्नी को मुंगेर लोकसभा से टिकट दे दिया. यहां उनका मुकाबला जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्लन सिंह से है.
अब बात बिहार की सीवान लोकसभा सीट की. कविता सिंह जनता दल यूनाइटेड से यहां की मौजूदा सांसद हैं. कविता सिंह अजय सिंह की पत्नी हैं. जिनकी गिनती बाहुबली नेताओं में होती है, लेकिन इस बार नीतीश कुमार ने कविता सिंह का टिकट काट दिया है और दूसरे बाहुबली रमेश कुशवाहा की पत्नी विजयलक्ष्मी को जेडीयू से टिकट दे दिया है. आपको बता दें कि रमेश कुशवाहा शिवजी दुबे हत्याकांड का आरोपी है और वह मुख्य आरोपी भी है. रमेश कुशवाहा खुद भी पूर्व में विधायक रह चुके हैं और सीपीआई एमएल से भी जुड़े रहे हैं. इस बार उन्होंने अपनी पत्नी विजयलक्ष्मी को जेडीयू से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है.
पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव का भी लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पप्पू द्वारा दिए गए हलफनामे में उनके खिलाफ 31 आपराधिक मामलों का जिक्र किया गया था। उन्होंने यह भी बताया था कि इनमें से नौ मामलों में आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है. उन्हें हत्या के मामले में भी दोषी ठहराया गया था, लेकिन बाद में सबूतों के अभाव में हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। सीपीएम विधायक अजीत सरकार की हत्या के बाद सुर्खियों में आए पप्पू यादव और बाहुबली आनंद मोहन के बीच खूनी झड़प भी 90 के दशक में हुई थी. इस बार लोकसभा चुनाव में पप्पू पूर्णिया से कांग्रेस के उम्मीदवार होने वाले थे. इसके लिए वह अपनी जन अधिकार पार्टी में शामिल हो गये
READ ON APP