महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बड़ा झटका, कोर्ट 7 मई को सुनाएगा फैसला
उत्तर प्रदेश न्यूज डेस्क !! कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर विशेष अदालत से गाज गिरी है। यौन उत्पीड़न के मामले में उनकी अर्जी खारिज कर दी गई है. यौन उत्पीड़न मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट अब आगामी 7 मई को अपना फैसला सुनाएगी. महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. कोर्ट ने छह महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच के बाद सुनवाई पूरी करते हुए 7 मई को फैसला सुनाया है.
दरअसल, भारतीय कुश्ती जगत में उस समय भूचाल आ गया जब भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट समेत देश के शीर्ष पहलवानों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इन पहलवानों की मांग है कि पीड़ित महिला पहलवानों को न्याय मिले. बीजेपी सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जनवरी में सैकड़ों पहलवान सड़कों पर उतर आए. हालांकि, उस समय सरकार के आश्वासन के बाद पहलवानों ने आंदोलन स्थगित कर दिया था। लेकिन सरकार के आश्वासन के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. महिला पहलवानों के मामले में कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया. हालांकि, जब मामले ने तूल पकड़ा तो सरकार भी हरकत में आ गई. लेकिन बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने महासंघ का चुनाव एकतरफा जीत लिया. इसके बाद रेसलिंग जगत में फिर से हलचल मच गई. इस जीत के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने जो जोरदार बयान दिया, उसे दोहराते हुए उनके समर्थक भी जोरदार बयान देने लगे.
इसे लेकर केंद्र सरकार की काफी किरकिरी होने लगी. चोट लगने के बाद साक्षी मलिक ने संन्यास की घोषणा की तो कई पहलवानों ने अपने मेडल और सम्मान लौटाना शुरू कर दिया. सत्तासीन सरकार ने महासंघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को कुछ दिनों के लिए निलंबित कर पहलवानों के गुस्से को शांत करने की कोशिश की. उधर, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भी जांच शुरू हो गयी. पीड़ित पहलवानों की गवाही के आधार पर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 7 मई को फैसला सुनाने का ऐलान किया है.
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