क्या ₹10,000 की SIP आपके भविष्य को सुरक्षित कर सकती है? जानिए असली सच्चाई

आज के समय में कई युवा नौकरी शुरू करते ही ₹10,000 की मासिक SIP को अपनी पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग मान लेते हैं। ऑटो-डिडक्शन से निवेश तो चलता रहता है, लेकिन यह मान लेना कि सिर्फ एक SIP भविष्य सुरक्षित कर देगी - विशेषज्ञों के अनुसार - काफी गलतफहमी है। SIP निवेश की आदत तो बनाती है, लेकिन यह अपने आप बड़ा धन नहीं बना देती।
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केवल फिक्स्ड SIP से बड़ी फाइनेंशियल जरूरतें पूरी नहीं होतीं


अधिकतर लोग ₹10,000 की एक SIP शुरू करते हैं और कई सालों तक इसे बढ़ाते नहीं। लेकिन समय के साथ रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदने या फाइनेंशियल फ्रीडम जैसे लक्ष्य काफी महंगे होते जाते हैं। यदि आय के अनुसार SIP बढ़ाई न जाए या बाजार के हिसाब से रणनीति न बदली जाए, तो निवेश कमजोर पड़ जाता है। एक फिक्स्ड SIP सुविधा देती है, लेकिन बड़े लक्ष्यों तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त नहीं होती।


स्पष्ट लक्ष्य, सही दिशा और बैलेंस्ड एसेट एलोकेशन की जरूरत



एक मजबूत फाइनेंशियल प्लान सिर्फ फिक्स्ड अमाउंट निवेश पर आधारित नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार -


  • आय बढ़ने के साथ स्टेप-अप SIP जरूरी
  • सही एसेट एलोकेशन होना चाहिए
  • अतिरिक्त धन मिलने पर लंप-सम निवेश करना चाहिए
  • हर SIP के साथ एक स्पष्ट लक्ष्य और एग्ज़िट रणनीति होनी चाहिए

कई लोग बिना लक्ष्य तय किए SIP कर देते हैं। लक्ष्य के बिना SIP वैसी ही है जैसे दिशा के बिना यात्रा - कदम तो बढ़ रहे हैं, लेकिन मंज़िल तय नहीं।

अनुशासन जरूरी है, लेकिन धन दिशा के बिना नहीं बढ़ता




SIP निवेश में अनुशासन लाती है और लोगों को पैनिक सेलिंग या अनावश्यक खर्चों से बचाती है। लेकिन सिर्फ अनुशासन से बड़ी संपत्ति नहीं बनती। जब SIP को स्पष्ट लक्ष्यों, नियमित बढ़ोतरी और सोच-समझे प्लान के साथ जोड़ा जाए, तभी मजबूत वित्तीय भविष्य तैयार होता है।

इसलिए, अगली बार जब कोई कहे कि वह SIP कर रहा है, तो असली सवाल यह होना चाहिए - क्या उसकी पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग भी उतनी ही मजबूत है?