PPF अकाउंट 2025 के नए नियम: एक छोटी सी ग़लती ख़त्म कर सकती है आपका टैक्स-फ्री लाभ, तुरंत जानें

भारत में जब भी लोग किसी सुरक्षित और टैक्स-फ्री निवेश विकल्प की तलाश करते हैं, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) आमतौर पर उनकी पहली पसंद होता है। यह सरकारी समर्थन प्राप्त योजना है, जो 'ट्रिपल टैक्स बेनिफिट्स' यानी तीनहरे टैक्स लाभ प्रदान करती है। इसमें आपका निवेश, उस पर अर्जित ब्याज, और मैच्योरिटी पर मिलने वाली अंतिम राशि तीनों ही पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती हैं। यही कारण है कि वेतनभोगी कर्मचारी, व्यवसायी और रिटायरमेंट की योजना बना रहे लोग अन्य योजनाओं की तुलना में PPF को ज़्यादा प्राथमिकता देते हैं।

लेकिन जानकारी के अभाव में, कई निवेशक अनजाने में एक बड़ी और महत्वपूर्ण गलती कर बैठते हैं: वे अपने PPF अकाउंट को लैप्स (inactive) होने देते हैं। यह छोटी सी लापरवाही इस योजना के सबसे महत्वपूर्ण लाभ को खतरे में डाल देती है, और वह है 'टैक्स-फ्री रिटर्न'।

PPF अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए न्यूनतम निवेश कितना ज़रूरी है?

अपने PPF अकाउंट को लगातार एक्टिव रखने के लिए, आपको प्रत्येक वित्तीय वर्ष (Financial Year) में कम से कम ₹500 जमा करना अनिवार्य है।

अगर आप केवल एक साल के लिए भी यह छोटी राशि जमा करना भूल जाते हैं, तो आपका अकाउंट इनएक्टिव या निष्क्रिय (dormant) हो सकता है। एक बार अकाउंट निष्क्रिय होने पर कई महत्वपूर्ण फायदे ख़त्म हो जाते हैं:

  • आप कई सुविधाओं का लाभ खो देते हैं।
  • सबसे महत्वपूर्ण, आपका ब्याज अब टैक्स-फ्री नहीं रहता है।
  • लोन (ऋण) और आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) की सुविधा तुरंत बंद हो जाती है।

यह छोटी सी अनदेखी बाद में एक बड़ी वित्तीय समस्या का रूप ले सकती है।

PPF ब्याज कब अपना टैक्स-फ्री स्टेटस खो देता है?

एक निष्क्रिय PPF अकाउंट इस योजना के सबसे बड़े लाभ यानी टैक्स-फ्री ब्याज को खो देता है।

जब अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है:

  • इस पर अर्जित ब्याज टैक्सेबल (कर योग्य) हो सकता है।
  • आप अकाउंट के विरुद्ध लोन नहीं ले सकते हैं।
  • आप आंशिक निकासी का अधिकार खो देते हैं।
  • ज़रूरी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना भी मुश्किल हो जाता है।

सिर्फ़ ₹500 की छोटी सी चूक आपको अपने ही पैसे तक पहुँचने से रोक सकती है।

PPF पर जुर्माना (Penalty) कब लागू होता है?

अगर आपका अकाउंट कई वर्षों से इनएक्टिव है, तो उसे फिर से सक्रिय कराने के लिए आपको प्रत्येक छूटे हुए वर्ष का भुगतान करना होगा।

एक निष्क्रिय PPF अकाउंट को फिर से सक्रिय करने के लिए:

  • आपको प्रत्येक छूटे हुए वर्ष के लिए ₹500 जमा करने होंगे।
  • प्रत्येक छूटे हुए वर्ष के लिए ₹50 का जुर्माना (penalty) देना होगा।
  • इसके बाद, आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर सक्रियण प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

उदाहरण के लिए, यदि आपका अकाउंट 3 साल से निष्क्रिय है, तो आपको भुगतान करना होगा:

  • ₹500 x 3 = ₹1500 (छूटी हुई जमा राशि)
  • ₹50 x 3 = ₹150 (जुर्माना)
  • कुल = ₹1650

अकाउंट को सक्रिय कराने में पैसा और समय दोनों लगता है, यही कारण है कि इसे शुरुआत से ही सक्रिय रखना ज़्यादा आसान और फ़ायदेमंद है।

PPF को हर साल सक्रिय रखना आपकी ज़िम्मेदारी

अपने PPF अकाउंट को सक्रिय रखना एक निवेशक के रूप में आपकी ज़िम्मेदारी है। कई लोग न्यूनतम जमा राशि बिना किसी देरी के क्रेडिट हो जाए, इसके लिए ऑटो-डेबिट के माध्यम से इस प्रक्रिया को स्वचालित (automate) कर देते हैं।

एक सक्रिय अकाउंट सुनिश्चित करता है:

  • ब्याज का लगातार टैक्स-फ्री रहना।
  • दीर्घकालिक बचत में अनुशासन।
  • निकासी और लोन सुविधाओं तक पूर्ण पहुँच।

यहां तक कि अगर आपका अकाउंट निष्क्रिय हो भी जाता है, तो भी आप बकाया राशि और लागू जुर्माना भरकर इसे आसानी से पुनर्जीवित (revive) कर सकते हैं। PPF में निवेश एक लंबी यात्रा है, और छोटी सी लापरवाही से बचें ताकि आप मैच्योरिटी पर पूरा टैक्स-फ्री लाभ उठा सकें।




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