खुशखबरी! होम लोन और कार लोन की EMI होगी कम, जानें रेपो रेट घटने का सीधा असर
इस कटौती के बाद, रेपो रेट 5.50% से घटकर अब 5.25% हो गया है, जिसे तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है। यह फैसला सिर्फ़ अर्थव्यवस्था के लिए ही नहीं, बल्कि आम आदमी की जेब के लिए भी बहुत राहत भरा है।
सीधे आपकी EMI पर पड़ेगा असर
रेपो रेट का सीधा संबंध बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरों से होता है। रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक RBI से पैसा उधार लेते हैं। जब यह दर घटती है, तो बैंकों की उधारी लागत कम हो जाती है।
इसका सीधा फायदा होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को मिलता है। बैंक जल्द ही अपनी ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं, जिससे आपकी मासिक किस्तें (EMIs) घट जाएँगी।
- पुराने लोन: अगर आपका लोन बाहरी बेंचमार्क जैसे रेपो रेट से जुड़ा हुआ है, तो आपकी EMI तुरंत कम हो जाएगी।
- नए लोन: अब नए कर्ज लेने वाले ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाएगी, जिससे घर और वाहन खरीदना सस्ता हो जाएगा।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब लोग लंबे समय से लोन सस्ता होने का इंतज़ार कर रहे थे। RBI के गवर्नर ने रेपो रेट में कटौती को तत्काल प्रभाव से लागू करने की घोषणा की है, जिससे यह उम्मीद बढ़ गई है कि बैंक भी जल्द ही इसका लाभ ग्राहकों तक पहुँचाएँगे।
RBI का यह फैसला क्यों आया?
RBI ने यह बड़ा फैसला देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए लिया है। RBI गवर्नर ने कहा कि पिछली कुछ तिमाहियाँ चुनौतीपूर्ण रहीं, लेकिन आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत हैं।
- महंगाई नियंत्रण में: RBI के अनुसार, पूरे साल के लिए महंगाई का अनुमान लगभग 2% है, जो काफी आरामदायक स्थिति है। जब महंगाई नियंत्रण में होती है, तभी RBI रेपो रेट घटाने का जोखिम उठाता है।
- मज़बूत GDP ग्रोथ: अर्थव्यवस्था की ग्रोथ दर भी उम्मीद से अच्छी रही है। दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी (GDP) ग्रोथ 8.2% रही, जो यह दिखाता है कि अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।
इन सकारात्मक संकेतों ने RBI को यह मौका दिया कि वह ब्याज दरों को कम करके बाज़ार में नकदी (लिक्विडिटी) बढ़ाए और आर्थिक विकास को और गति दे।
बाज़ार को मिली नई ऊर्जा
RBI के इस फैसले का असर तुरंत शेयर बाज़ार पर भी देखने को मिला है। रेपो रेट में कटौती की खबर आते ही बाज़ार में उत्साह का माहौल बन गया और स्टॉक मार्केट में ज़ोरदार तेज़ी (Rally) देखने को मिली।
बाज़ार विशेषज्ञों का मानना है कि दरें घटने से कंपनियों के लिए कर्ज लेना सस्ता होगा, जिससे निवेश बढ़ेगा और उद्योगों का विस्तार होगा। इसके अलावा, आम जनता के पास EMI कम होने के कारण खर्च करने के लिए अधिक पैसा बचेगा, जिससे बाज़ार में मांग बढ़ेगी। यह सब अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक चक्र बनाता है।
रेपो रेट घटने के साथ ही RBI ने नकद आरक्षित अनुपात ( CRR ) को 3% पर और सीमांत स्थायी सुविधा ( MSF ) दर को 5.75% पर बरकरार रखा है।
संक्षेप में, RBI का यह फैसला आम जनता, खासकर कर्ज लेने वाले लोगों के लिए एक बड़ा तोहफा है, जो उनके मासिक बजट को हल्का करेगा और त्योहारों के सीज़न में खरीदारी को बढ़ावा देगा।