पति पत्नी दोनों को मिलेगा 10 हज़ार का मासिक पेंशन, जल्द करें इस सरकारी स्कीम में आवेदन
यह योजना मुख्य रूप से देश के असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है. रिक्शा चालक, मोची, दर्जी, घरेलू कामगार, छोटे किसान, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स और ऐसे ही अन्य लोग इस योजना के दायरे में आते हैं. लेकिन इसका सबसे बड़ा आकर्षण यह है कि यह योजना पति और पत्नी दोनों को अलग अलग लाभ लेने की अनुमति देती है, जिससे एक परिवार के लिए बुढ़ापे में एक अच्छी खासी नियमित आय सुनिश्चित हो जाती है.
कैसे काम करती है यह योजना?
यह योजना 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु के बीच के लोगों के लिए उपलब्ध है. इसमें आपको मासिक आधार पर एक निश्चित राशि का निवेश करना होता है. निवेश की राशि आपकी उम्र पर निर्भर करती है. उदाहरण के लिए, यदि आप 18 वर्ष के हैं, तो आपको हर महीने मात्र 55 रुपए का योगदान करना होगा. वहीं, यदि आप 40 वर्ष की आयु में इस योजना से जुड़ते हैं, तो आपका मासिक योगदान 200 रुपए होगा.
सबसे खास बात यह है कि जितना योगदान आप करते हैं, उतना ही योगदान सरकार भी आपकी पेंशन खाते में जमा करती है. यानी, 50 प्रतिशत योगदान आपका होता है और 50 प्रतिशत योगदान सरकार का होता है. यह एक मैचिंग कॉन्ट्रिब्यूशन स्कीम है.
जैसे ही आपकी उम्र 60 वर्ष पूरी होती है, आपको योजना के तहत गारंटीड मासिक पेंशन मिलना शुरू हो जाती है.
पति और पत्नी दोनों को कैसे मिलेंगे 10,000 रुपए?
इस योजना की सबसे बड़ी खूबी इसका पारिवारिक लाभ है. यदि पति और पत्नी दोनों इस योजना में अलग अलग निवेश करते हैं और दोनों 40 वर्ष की आयु तक योगदान करते हैं, तो दोनों को अलग अलग पेंशन मिलेगी.
योजना के नियमों के अनुसार, प्रत्येक पात्र सदस्य को 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम 3,000 रुपए की मासिक पेंशन मिलती है.
- यदि पति इस योजना में शामिल होते हैं, तो उन्हें 60 वर्ष के बाद 3,000 रुपए मिलेंगे.
- यदि पत्नी भी इसी योजना में अलग से शामिल होती हैं, तो उन्हें भी 60 वर्ष के बाद 3,000 रुपए मिलेंगे.
इस तरह, यदि पति और पत्नी दोनों इस योजना में नियमित रूप से योगदान करते हैं, तो 60 वर्ष के बाद उनके परिवार को कुल 6,000 रुपए की मासिक पेंशन मिलेगी.
तो फिर 10,000 रुपए कैसे मिलेंगे?
दरअसल, यह स्कीम एक विकल्प भी प्रदान करती है. यदि पति पत्नी के लिए एक अन्य समान योजना 'नेशनल पेंशन स्कीम' (NPS) में भी निवेश करते हैं या किसी अन्य सरकारी बचत योजना का लाभ उठाते हैं, और साथ में इस योजना में भी योगदान जारी रखते हैं, तो उनकी संयुक्त मासिक आय 10,000 रुपए या उससे अधिक भी हो सकती है. हालांकि, 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' के तहत पति पत्नी की संयुक्त न्यूनतम पेंशन ₹6,000 ही है. कई बार, सरकारी योजनाओं के पैकेज के तौर पर, अन्य संबंधित योजनाओं के साथ जुड़ने पर कुल पेंशन लाभ अधिक होता है. यदि पति और पत्नी दोनों 40 की उम्र तक अधिकतम योगदान करके कुछ अन्य बचत भी करते हैं, तो उनकी कुल मासिक पेंशन आराम से 10,000 रुपए तक पहुँच सकती है.
योजना से जुड़ने के लिए पात्रता और ज़रूरी दस्तावेज़
- पात्रता: आपकी मासिक आय 15,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए और आप आयकर दाता नहीं होने चाहिए. आप किसी अन्य सरकारी पेंशन या सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ नहीं ले रहे हों.
- उम्र सीमा: 18 से 40 वर्ष.
- दस्तावेज़: आधार कार्ड, बैंक पासबुक या जन धन खाता पासबुक.
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना से जुड़ना बहुत आसान है. आप अपने नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जा सकते हैं. वहाँ आपको अपना आधार कार्ड और बैंक पासबुक ले जाना होगा. CSC ऑपरेटर आपकी उम्र के हिसाब से आपका मासिक प्रीमियम कैलकुलेट करके आपको बता देगा. इसके बाद आपको अपना पहला योगदान नकद जमा करना होगा. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आपका श्रम योगी मानधन कार्ड बन जाएगा.
यह योजना न सिर्फ बुढ़ापे को सुरक्षित करती है, बल्कि असंगठित क्षेत्र के लाखों परिवारों को एक सम्मानजनक जीवन जीने का भरोसा भी देती है. यह एक छोटी सी शुरुआत है जो भविष्य में एक बड़ा सहारा बन सकती है.