Passkey या Password? आपके ऑनलाइन अकाउंट के लिए कौन देगा सबसे मजबूत सिक्योरिटी
आज के डिजिटल युग में, हमारे ऑनलाइन अकाउंट्स की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। हम सभी जानते हैं कि अपने घर को सुरक्षित रखने के लिए हम ताला लगाते हैं, ठीक उसी तरह ऑनलाइन अकाउंट्स को हैकर्स से बचाने के लिए हम सालों से 'पासवर्ड' का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब पासवर्ड का ज़माना धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, और उसकी जगह एक नई और ज़्यादा सुरक्षित तकनीक ले रही है, जिसे Passkey (पासकी) कहते हैं?
बहुत से लोगों को लगता है कि पासवर्ड और पासकी एक ही चीज़ हैं, पर ऐसा बिल्कुल नहीं है। दोनों का मकसद सुरक्षा देना है, लेकिन इनके काम करने का तरीका और सिक्योरिटी लेवल पूरी तरह से अलग हैं। आइए, समझते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर है और आपके अकाउंट की सुरक्षा के लिए कौन सबसे अच्छा है।
पासवर्ड कैसे काम करता है: जब आप किसी अकाउंट में लॉग-इन करते समय अपना पासवर्ड डालते हैं, तो यह सीधे कंपनी के सर्वर पर जाता है। सर्वर पर आपका डाला हुआ पासवर्ड वेरिफाई होता है, और अगर यह मैच कर जाता है, तो आपको एक्सेस मिल जाता है।
समस्या: आज के हैकर्स बहुत स्मार्ट हो गए हैं। फिशिंग, कीलॉगिंग, या brute-force attack जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके वे पासवर्ड को आसानी से चुरा या क्रैक कर सकते हैं। इसके अलावा, एक ही पासवर्ड को कई जगहों पर इस्तेमाल करने से एक भी लीक होने पर सारे अकाउंट खतरे में आ जाते हैं।
पासकी कैसे काम करता है: Passkey का सबसे बड़ा अंतर यह है कि लॉग-इन करते समय आपको किसी भी तरह का पासवर्ड टाइप करने की ज़रूरत नहीं होती। यह मजबूत सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी (Cryptography Technology) का इस्तेमाल करता है।
जब आप Passkey का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको एक्सेस पाने के लिए बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन जैसे फिंगरप्रिंट स्कैन या फेस स्कैन, या फिर एक पिन डालना होता है। यह जानकारी आपके डिवाइस में सुरक्षित रहती है, न कि किसी सर्वर पर। यह सुरक्षा की एक ऐसी परत है, जिसे हैकर्स दूर बैठकर आसानी से भेद नहीं सकते।
आज के दौर में, जहां डेटा ब्रीच और ऑनलाइन फ्रॉड तेज़ी से बढ़ रहे हैं, वहां हमें अपनी सुरक्षा के तरीके को भी अपडेट करना ज़रूरी है। Passkey, न केवल लॉग-इन को तेज़ और आसान बनाता है, बल्कि आपके अकाउंट को हैकर्स की पहुंच से दूर रखकर भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार करता है।
बहुत से लोगों को लगता है कि पासवर्ड और पासकी एक ही चीज़ हैं, पर ऐसा बिल्कुल नहीं है। दोनों का मकसद सुरक्षा देना है, लेकिन इनके काम करने का तरीका और सिक्योरिटी लेवल पूरी तरह से अलग हैं। आइए, समझते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर है और आपके अकाउंट की सुरक्षा के लिए कौन सबसे अच्छा है।
पासवर्ड: पुराना सुरक्षा कवच
पारंपरिक रूप से, पासवर्ड में हम नंबर, अक्षर (कैपिटल और स्मॉल दोनों), और सिंबल (विशेष चिह्न) को मिलाकर एक मज़बूत स्ट्रिंग बनाते हैं, ताकि कोई भी इसे आसानी से क्रैक न कर पाए।पासवर्ड कैसे काम करता है: जब आप किसी अकाउंट में लॉग-इन करते समय अपना पासवर्ड डालते हैं, तो यह सीधे कंपनी के सर्वर पर जाता है। सर्वर पर आपका डाला हुआ पासवर्ड वेरिफाई होता है, और अगर यह मैच कर जाता है, तो आपको एक्सेस मिल जाता है।
समस्या: आज के हैकर्स बहुत स्मार्ट हो गए हैं। फिशिंग, कीलॉगिंग, या brute-force attack जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके वे पासवर्ड को आसानी से चुरा या क्रैक कर सकते हैं। इसके अलावा, एक ही पासवर्ड को कई जगहों पर इस्तेमाल करने से एक भी लीक होने पर सारे अकाउंट खतरे में आ जाते हैं।
पासकी: भविष्य की मज़बूत सुरक्षा
Passkey, सुरक्षा का एक आधुनिक और ज़्यादा मज़बूत तरीका है। यह न केवल पासवर्ड की ज़रूरत को खत्म करता है, बल्कि सुरक्षा को कई गुना बढ़ा देता है। यही वजह है कि अब बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां भी यूज़र्स को पासवर्ड के बजाय Passkey का विकल्प देने लगी हैं।पासकी कैसे काम करता है: Passkey का सबसे बड़ा अंतर यह है कि लॉग-इन करते समय आपको किसी भी तरह का पासवर्ड टाइप करने की ज़रूरत नहीं होती। यह मजबूत सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी (Cryptography Technology) का इस्तेमाल करता है।
जब आप Passkey का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको एक्सेस पाने के लिए बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन जैसे फिंगरप्रिंट स्कैन या फेस स्कैन, या फिर एक पिन डालना होता है। यह जानकारी आपके डिवाइस में सुरक्षित रहती है, न कि किसी सर्वर पर। यह सुरक्षा की एक ऐसी परत है, जिसे हैकर्स दूर बैठकर आसानी से भेद नहीं सकते।
Passkey क्यों है ज़्यादा बेहतर?
| विशेषता | Passkey | Password |
| लॉग-इन का तरीका | बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट/फेस स्कैन) या पिन | अक्षरों, अंकों, सिंबल को टाइप करना |
| सुरक्षा का आधार | उन्नत क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी | लंबी स्ट्रिंग बनाना |
| फिशिंग का खतरा | बहुत कम, क्योंकि कुछ टाइप ही नहीं करना पड़ता | बहुत ज़्यादा, फिशिंग से आसानी से चोरी हो सकता है |
| मेमोरी पर लोड | कोई लोड नहीं, क्योंकि इसे याद नहीं रखना पड़ता | याद रखना ज़रूरी है, जिससे अक्सर एक ही पासवर्ड दोहराया जाता है |
Google भी करता है Passkey का समर्थन
Google, जो ऑनलाइन सिक्योरिटी के मामले में सबसे आगे रहता है, उसने भी अपने एक ब्लॉग पोस्ट में इस बात को स्पष्ट किया है। Google के अनुसार, पासवर्ड की तुलना में Passkey कहीं ज़्यादा मज़बूत सिक्योरिटी प्रदान करता है। कंपनी ने अपने यूज़र्स को यह सलाह भी दी है कि अगर उन्होंने अब तक अपने जीमेल या गूगल अकाउंट के लिए Passkey नहीं बनाया है, तो उन्हें तुरंत इस फीचर का इस्तेमाल करके अपने अकाउंट की सुरक्षा को मज़बूत कर लेना चाहिए।आज के दौर में, जहां डेटा ब्रीच और ऑनलाइन फ्रॉड तेज़ी से बढ़ रहे हैं, वहां हमें अपनी सुरक्षा के तरीके को भी अपडेट करना ज़रूरी है। Passkey, न केवल लॉग-इन को तेज़ और आसान बनाता है, बल्कि आपके अकाउंट को हैकर्स की पहुंच से दूर रखकर भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार करता है।
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