लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी क्यों हुए ट्रोल? प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकार को आँख मारने पर विवाद

पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना के बीच चल रहा तनाव एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है, लेकिन इस बार विवाद की वजह कोई बड़ा राजनीतिक बयान या सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान सेना के मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी का एक बेहद 'गैर-पेशेवर' इशारा है।
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जनरल चौधरी ने एक महिला पत्रकार के सवाल का जवाब देते समय मुस्कुराते हुए उन्हें 'आँख मारी', जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया और इसने सेना के व्यवहार पर कड़ी आलोचनाओं को जन्म दिया है। यह घटना दर्शाती है कि देश की राजनीति में सेना का दखल किस हद तक बढ़ चुका है और वह अपने विरोधियों को लेकर कितनी आक्रामक हो चुकी है।

पत्रकार का सवाल और 'ज़ेहनी मरीज़' का जवाब

यह घटना तब हुई जब पत्रकार अबसा कोमल ने लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी से इमरान खान पर लगे आरोपों के बारे में सवाल किया। उन्होंने सवाल में इमरान खान को 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा' और 'दिल्ली के इशारों पर काम करने वाला राष्ट्र विरोधी' बताने वाले आरोपों का जिक्र किया। पत्रकार ने पूछा, "ये आरोप पहले से कैसे अलग हैं, या क्या हमें भविष्य में किसी नए डेवलपमेंट की उम्मीद करनी चाहिए?"


इस तीखे सवाल के जवाब में जनरल चौधरी ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा, "और एक चौथा पॉइंट और जोड़ लीजिए: वह एक 'ज़ेहनी मरीज़' (मानसिक रोगी) भी है।" यह टिप्पणी करने के तुरंत बाद, जनरल चौधरी मुस्कुराए और पत्रकार की ओर आँख मारी। यह पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो गई और पाकिस्तान में बड़े विवाद का कारण बन गई।


विवाद की जड़: इमरान खान बनाम सेना

यह पूरा विवाद पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच चल रहे खुले टकराव को दर्शाता है।

  • लगातार आरोप: पिछले कुछ समय से, सेना के प्रवक्ता इमरान खान पर लगातार हमलावर रहे हैं। उन्होंने इमरान खान को 'मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति' (ज़ेहनी मरीज़), 'नार्सिसिस्ट' (आत्ममुग्ध) और 'सुरक्षा जोखिम' करार दिया है।




  • अभूतपूर्व रुख: सेना ने खुद स्वीकार किया है कि किसी भी राजनीतिक नेता के खिलाफ उसका यह रुख अभूतपूर्व है। यह दिखाता है कि सेना इमरान खान के 'एंटी आर्मी' नैरेटिव से कितना चिंतित है।

  • जेल से पलटवार: यह बयानबाजी तब तेज हुई जब इमरान खान ने जेल में अपनी बहन से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर गंभीर आरोप लगाए। खान ने मुनीर को 'मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति' बताया और उन पर मनगढ़ंत मामलों में उन्हें जेल भेजने तथा देश में संवैधानिक व्यवस्था को नष्ट करने का आरोप लगाया।

  • 9 मई हिंसा का ज़िक्र: जनरल चौधरी ने एक बार फिर इमरान खान को 9 मई, 2023 को सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों का मास्टरमाइंड बताया, जब उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने रावलपिंडी मुख्यालय सहित कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था।

  • सोशल मीडिया पर 'शर्मनाक' करार

    प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनरल चौधरी की आँख मारने की हरकत को सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।


    • गैर-पेशेवर व्यवहार: कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस हरकत को एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के लिए 'शर्मनाक' और 'गैर-पेशेवर' बताया। वर्दी में रहते हुए सार्वजनिक रूप से इस तरह का इशारा करना सेना की छवि को खराब करता है।

    • लोकतंत्र पर सवाल: कुछ यूजर्स ने टिप्पणी की कि यह व्यवहार दर्शाता है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र लगभग समाप्त हो चुका है और प्रधानमंत्री एक कठपुतली की तरह हैं।

    • महिलाओं के प्रति व्यवहार: कुछ आलोचनाएँ इस बात पर केंद्रित थीं कि यह भ्रष्ट पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों द्वारा महिलाओं के साथ किए जाने वाले व्यवहार को दर्शाता है।

    लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी की यह हरकत सिर्फ़ एक व्यक्तिगत चूक नहीं है; यह एक बड़े संस्थागत संकट की ओर इशारा करती है। यह दिखाता है कि पाकिस्तान की सेना अपनी आलोचना को सहन करने के बजाय, राजनीतिक विरोधियों पर खुलेआम आक्रामक और व्यक्तिगत हमले कर रही है। एक गंभीर प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस तरह का हल्का और 'गैर-पेशेवर' व्यवहार मीडिया और जनता के बीच सेना की प्रतिष्ठा को और भी नुकसान पहुँचाता है। यह घटना पाकिस्तान की राजनीति में सेना के बेबाक और बढ़ते दखल का एक और उदाहरण है, जहाँ राजनीतिक सवाल का जवाब देने के बजाय एक सैन्य अधिकारी एक व्यक्तिगत टिप्पणी के साथ एक आपत्तिजनक इशारा करना ज़रूरी समझता है।