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Pari Review : हॉरर के नाम पर मजाक नहीं है 'परी'

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क्या है कहानी? अर्नब (परमब्रत चैटर्जी) की मुलाकात रुखसाना खातून (अनुष्का शर्मा) से एक घने जंगल में होती है। वो रुखसाना को गंभीर रूप से घायल पाता है, उसके हाथों और पैरों पर गहरे चोट के निशान हैं। रुखसाना की हालात देखकर कोई भी शख्स उससे डर सकता है! लेकिन अर्नब को उससे हमदर्दी हो जाती है और वो उसे अपने घर ले आता है। अपनी मां के रोकने पर भी वह रुखसाना को साथ रखता है। लेकिन इस बीच अर्नब को पता चलता है कि रुखसाना की जिंदगी नॉर्मल नहीं रहती। आखिर यह महिला कौन है, क्या है उसकी कहानी? यही सब बताती है ‘परी’। रिव्यू image रामगोपाल वर्मा 15 साल पहले फिल्म ‘भूत’ (2003) लेकर आए थे, जो हॉरर के क्षेत्र में एक उम्दा फिल्म साबित हुई। इसके बाद से भारतीय सिनेमा एक दमदार हॉरर लिए तरसता रहा है! हालांकि, कोंकणा सेन शर्मा की ‘एक थी डायन’ (2013) ने रामू की ‘भूत’ के लेवल को छूने के कोशिश की थी और अब ‘परी’ वो तीसरी फिल्म है, जो हॉरर के साथ न्याय कर रही है। एक प्रोड्यूसर और एक्टर के तौर पर अनुष्का ने शानदार काम किया है। आम हॉरर फिल्मों से अलग है ‘परी’ image मेनस्ट्रीम हॉरर फिल्म के मुकाबले ‘परी’ अलग है। इसमें आम हॉरर फिल्मों की तरह नाटकीय और उत्तेज बैक्राउंड स्कोर, भूत के उछल कूद वाले डरवाने दृश्य, भारी-भरकम डायलॉग्स और कथित भूतियाई तमाशा नहीं है। इंडिपेंडेंट थ्रिलर ‘परी’ एक आर्ट हाऊस है, जो अपनी गति से चलती है। इसका अनोखापन दर्शकों को बांधे रखता है। इसमें वो सभी तत्व हैं, जो कमर्शियल हॉरर फिल्मों में मुश्किल ही पाए जाते हैं। जैसे, डर भरी खामोशी, उदास संगीत, एक जादुई लव स्टोरी और पागलपन की वो हवा, जो आपको कहीं और नहीं जाने देती। हेडफोन वाला सीन याद रहेगा image अभिनेत्री अनुष्का शर्मा, एक्टर परमब्रत चैटर्जी और रजत कपूर ने ‘परी’ को शानदार बनाया है। उनकी अदायगी कहानी धीमी होने के बावजूद दर्शकों को खुद से जोड़े रखती है। फिल्म का हेडफोन वाला सीन आने वाले सालों में हॉरर फिल्म के सबसे उम्दा दृश्यों में से एक के रूप में याद किया जाएगा। आर्ट डायरेक्शन है जबरदस्त image फिल्म के आर्ट डायरेक्शन के लिए अलग से कहना बनता है। कोलकाता की सुनसान सड़कें और गलियां, बिजली की गड़गड़ाहट के साथ जोरदार बारिश, अंधेरे से भरे घर के डरावने पर्दे और बेवजाह जलती-बुझती कमरे की रौशनी डर का ऐहसास करवाती है। शुक्र है कि किरदारों का मैकअप और फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स मजाकिया नहीं है। वरना, ‘परी’ एक रहस्यमय और डरावनी थ्रिलर नहीं बन पाती। हॉरर शौकीन के लिए image अगर आप हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं और अबतक बॉलीवुड की हॉरर फिल्मों में वो डर नहीं तलाश पाए हैं, जिसके लिए आप उन्हें देखा है। तो ‘परी’ आपके लिए एक सही ऑप्शन है। क्योंकि ये फिल्म कमर्शियल हॉरर से हटकर और खौफ से भरी है। देखें ट्रेलर-
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