World Hemophilia Day: बिना किसी कारण के नाक से आता है खून? इस जानलेवा बीमारी की गिरफ्त में हो सकते हैं आप
hemophilia क्या है? सीधे और सरल शब्दों में समझें तो हीमोफीलिया एक आनुवंशिक बीमारी है जो मुख्यत: हमारे खून को प्रभावित करती है। इस बीमारी से ग्रसित इंसान के खून में सक्रिय रूप से थक्के नहीं बन पाते हैं। परिणाम स्वरूप चोट लगने जैसी स्थिति में उसके खून का बहाव नहीं रुकता है और कई बार मरीज की जान चली जाती है। दुनियाभर में 10000 लोगों में से 1 इससे प्रभावित होता है।
भारत में हीमोफीलिया भारत में इससे बहुत कम लोग ही ग्रसित हैं लेकिन फिर भी इसके खतरे को अनदेखा नहीं किया जा सकता। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक रिपोर्ट के मुताबिकअनुमान है कि भारत में 80,000-100,000 गंभीर हीमोफिलिया के मामले हैं। हालांकि, हीमोफीलिया फेडरेशन इंडिया (HFI) में पंजीकृत मामलों की कुल संख्या सिर्फ 19,000 है।
हीमोफीलिया के लक्षण सामान्य चोट और गहरी चोट लग जाने के बाद खून का लगातार बहते रहना, मल/मूत्र में ब्लड दिखना, जोड़ों में दर्द, जकड़न, बिना किसी कारण के नाक से खून बहना, कंधे या घुटने पर गांठ बनना, लंबे समय तक तेज सिरदर्द रहना, और अत्यधिक थकान महसूस होना हीमोफीलिया के कुछ बड़े लक्षण हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये जानलेवा हो सकते हैं।
हीमोफीलिया का इलाज एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर हीमोफीलिया के लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान लिया जाए तो इलाज संभव है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, दवाओं के अलावा हीमोफीलिया का इलाज मिसिंग ब्लड क्लॉटिंग फैक्टर को हटाकर किया जा सकता है।
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