बिरला ने सीपीए भारत क्षेत्र जोन-2 के वार्षिक सम्मेलन का किया उद्घाटन

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आलोक कुमार होलकर

नई दिल्ली/धर्मशाला 30 जून। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश के तपोवन, धर्मशाला में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र, जोन-2 के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विधानमंडलों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं, नवाचारों और प्रौद्योगिकी को साझा करने से लोकतांत्रिक संस्थाएं सशक्त होती हैं। एआई के प्रयोग से विधायी निकाय जनता के और करीब आएंगे तथा लोगों की अपेक्षाओं को बेहतर ढंग से पूरा कर पाएंगे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से विधायी कार्यों में दक्षता तथा पारदर्शिता बढ़ाने का आग्रह किया। इस बात पर भी जोर दिया कि सकारात्मक चर्चा तथा सुविचारित तर्क प्रस्तुत करने से व्यक्ति और संस्था, दोनों की प्रतिष्ठा बढ़ती है।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करने वालों में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान और अन्य गणमान्य व्यक्ति प्रमुखता से रहे। जोन-2 से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के पीठासीन अधिकारी तथा उत्तर प्रदेश विधान सभा, कर्नाटक विधान सभा, तेलंगाना विधान सभा और विधान परिषद के पीठासीन अधिकारी तथा हिमाचल प्रदेश विधानमंडल के सदस्यों ने उद्घाटन सत्र में मौजूद थे।

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की “एक राष्ट्र एक विधायी मंच” पहल का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत की संसद निकट भविष्य में सभी राज्य विधानमंडलों के लिए एक साझा मंच तैयार करेगी, जिससे विधायी चर्चा, बजट तथा अन्य विधायी पहलों संबंधी जानकारी का आदान-प्रदान सुचारु रूप से हो पाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से राज्य विधानमंडलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी तथा संघवाद और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, जिसका लाभ अंततः लोगों को होगा। उन्होंने भारत की संसद में की जा रही डिजिटल पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की संसद संसदीय कार्य में दक्षता बढ़ाने के लिए एआई का व्यापक रूप से उपयोग कर रही है।

श्री बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जनता अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों से जो अपेक्षाएँ रखती है, उन्हें शिष्ट आचरण और प्रभावी शासन के माध्यम से पूरा किया जाना चाहिए। ग्राम पंचायतों से लेकर नगर पालिकाओं और राज्य विधानसभाओं तक, निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी संस्थाओं को संवाद, नवाचार और उत्कृष्टता का केंद्र बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रचनात्मक चर्चा-संवाद जितना अधिक होगा, संस्थाएं भी उतनी ही सशक्त होंगी तथा आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होंगी।

उन्होंने यह भी कहा कि विट्ठलभाई पटेल भी हिमाचल प्रदेश से केंद्रीय विधान परिषद के सभापति चुने गए थे। उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि हिमाचल विधान सभा देश की पहली पेपरलेस विधानसभा है। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल के लोग अपनी देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन से नए विचार और दृष्टिकोण सामने आएंगे जिससे विधानमंडलों को सशक्त करने में मदद मिलेगी और निर्वाचित प्रतिनिधि लोगों की सेवा बेहतर ढंग से करने में सक्षम होंगे।