झालाना लेपर्ड सफारी जाने से पहले जान लें ये ज़रूरी बातें, एक ही वीडियो में पाए गाइड, ट्रैक, समय और नियमों की पूरी जानकारी

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राजस्थान की राजधानी जयपुर सिर्फ अपने किलों, महलों और बाजारों के लिए ही नहीं, बल्कि अब वाइल्डलाइफ पर्यटन के लिए भी चर्चा में है। खास तौर पर झालाना लेपर्ड सफारी (Jhalana Leopard Safari) इन दिनों देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद बनती जा रही है। अरावली की पहाड़ियों से घिरे इस संरक्षित वन क्षेत्र में प्रकृति प्रेमियों और रोमांच के शौकीनों को जंगल की असली झलक देखने को मिलती है। अगर आप भी यहां सफारी की योजना बना रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप ट्रैक से लेकर गाइड तक सबकुछ अच्छी तरह समझ लें। आइए जानते हैं झालाना सफारी में क्या करें और क्या नहीं करें – यानी पूरी गाइड।

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क्या है झालाना लेपर्ड सफारी?
जयपुर शहर के बिल्कुल करीब, केवल 10-15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित झालाना लेपर्ड रिजर्व एक शहरी जंगल (Urban Forest) है, जो करीब 23 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां करीब 35-40 लेपर्ड्स का स्थायी निवास है, जिनमें से कई बार आपको सफारी के दौरान आसानी से दर्शन हो जाते हैं। इसके अलावा यहां हायना, जंगली बिल्ली, नीलगाय, मोर, सियार और कई पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियाँ भी देखी जा सकती हैं।

झालाना सफारी का समय और स्लॉट
झालाना में सफारी दो शिफ्ट्स में होती है:
सुबह की शिफ्ट: 6:00 AM से 9:00 AM
शाम की शिफ्ट: 3:30 PM से 6:30 PM (समय मौसम के अनुसार थोड़ा बदल सकता है)
सफारी के लिए पहले से ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग कराना अनिवार्य है, क्योंकि एक दिन में सीमित वाहनों को ही अनुमति दी जाती है।

गाइड और ड्राइवर की भूमिका
झालाना सफारी की सबसे बड़ी खासियत इसका अनुभवी गाइड और प्रशिक्षित ड्राइवर होते हैं। ये न केवल आपको जानवरों की गतिविधियों को पहचानने में मदद करते हैं, बल्कि वन्यजीवन के बारे में बेहद रोचक जानकारियाँ भी साझा करते हैं। इसलिए गाइड की बातों को ध्यान से सुनना और निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है।

क्या करें – जरूरी बातें:
सरकारी वेबसाइट या मान्यता प्राप्त एजेंसी से बुकिंग करें: फर्जी एजेंटों से बचें और केवल अधिकृत स्रोतों से ही बुकिंग कराएं।
समय से पहले पहुंचें: रिपोर्टिंग टाइम से कम से कम 15 मिनट पहले पहुंचना जरूरी है, ताकि कागजी प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके।
हल्के और शांत रंग के कपड़े पहनें: सफारी के दौरान तेज रंगों से जानवर सतर्क हो सकते हैं।
बाईनॉक्युलर और कैमरा साथ रखें: लेकिन बिना फ्लैश के इस्तेमाल करें ताकि जानवर डरे नहीं।

गाइड के निर्देशों का पालन करें: सफारी में शांति बनाए रखना, वाहन से बाहर न निकलना और जानवरों से दूरी बनाना अनिवार्य है।

क्या ना करें – इन गलतियों से बचें:
शोर न मचाएं: तेज आवाज़ें या संगीत से जानवर छिप सकते हैं, साथ ही अन्य पर्यटकों की अनुभव में बाधा आती है।
जानवरों को खाना न खिलाएं: इससे न केवल जानवरों की आदतें बिगड़ती हैं, बल्कि आपके लिए भी यह खतरनाक हो सकता है।
वाहन से बाहर कदापि न उतरें: चाहे दृश्य कितना भी रोमांचक क्यों न हो, वाहन से बाहर निकलना पूरी तरह प्रतिबंधित और खतरनाक है।

कचरा न फैलाएं: जंगल की स्वच्छता और संतुलन बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।
फ्लैश का प्रयोग न करें: कैमरा फ्लैश जानवरों को डरा सकता है और उनकी आंखों को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

झालाना की खास बातें
यह भारत का पहला और प्रमुख शहरी लेपर्ड सफारी रिजर्व है।
यहां लेपर्ड साइटिंग का सक्सेस रेट करीब 70-80% तक माना जाता है, जो अन्य सफारी स्थलों की तुलना में काफी अधिक है।
झालाना की सफारी शांति और अनुभव का बेहतरीन मिश्रण है – यहां न तो भीड़ होती है और न ही बेतरतीब वाहन दौड़।