राजस्थान के मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट ने भेजा अवमानना नोटिस, पूछा- दंडित क्यों न किया जाए

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सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों द्वारा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में रिक्त पदों को नहीं भरने पर नाराजगी व्यक्त की। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने अगस्त 2024 के आदेश का पालन नहीं करने पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों को अवमानना नोटिस जारी किए। पीठ के अगस्त 2024 के आदेश में राज्यों को इस वर्ष 30 अप्रैल तक रिक्तियों को भरने के लिए कहा गया था।

18 जुलाई तक ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य है।
अदालत ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति में 55 प्रतिशत रिक्तियों की ओर ध्यान दिलाया और कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि यह संस्था "वस्तुतः निष्क्रिय" हो गई है। नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को यह बताने का निर्देश दिया कि उन्हें न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 के तहत गैर-अनुपालन के लिए दंडित क्यों न किया जाए। दिल्ली के मुख्य सचिव को 19 मई को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया, जबकि अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को 18 जुलाई को ऑनलाइन पेश होने के लिए कहा गया।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजस्थान हाई अलर्ट पर है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान और पीओके में मिसाइल हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से संभावित हमले का खतरा अभी भी बरकरार है। इसके चलते पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। राजस्थान भी इस सूची में शामिल है। राजस्थान के चार जिले पाकिस्तान की सीमा से लगते हैं। इसके चलते इन क्षेत्रों में 12वीं कक्षा तक के स्कूल अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं। अस्पतालों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। ईंधन और खाद्यान्न का भण्डारण किया जा रहा है। नागरिक सुरक्षा जिलों में भी मॉक ड्रिल आयोजित की गई।