जब दोनों इंजन फ़ेल होने के बाद पायलट ने नदी में लैंड करवाया था यात्री विमान
15 जनवरी 2009 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से उड़ान भरने वाले एक विमान में कुल 155 लोग सवार थे. उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद विमान से पक्षियों का एक झुंड टकरा गया था.
इस टक्कर के बाद पायलट को फ़ौरन ही एहसास हो गया कि अब उसके लिए हवाई अड्डे पर वापस लौटना संभव नहीं है. इसलिए उसने विमान को नदी में उतार दिया.
यह यूएस एयरवेज़ की फ़्लाइट संख्या 1549 थी.
इस घटना को 'मिरेकल ऑन द हडसन' के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि विमान न्यूयॉर्क में हडसन नदी में उतरा था.
विमान में सवार सभी लोग सुरक्षित बच गए थे.
इस अभूतपूर्व 'वॉटर लैंडिंग' को अंजाम देने वाले पायलट थे - चेसली सुलेनबर्गर उर्फ सली.
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इस घटना पर साल 2016 में एक फ़िल्म 'सली' भी बनी, जिसमें टॉम हैंक्स ने पायलट की भूमिका निभाई थी.
15 जनवरी 2009 को हुई इस घटना में विमान ने न्यूयॉर्क के लागार्डिया हवाई अड्डे से नॉर्थ कैरोलिना के लिए उड़ान भरी थी. लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के अंदर विमान को हडसन नदी में लैंड किया गया.
इस विमान के उड़ान भरने के दो मिनट बाद ही पक्षियों का झुंड इससे टकरा गया और विमान के दोनों इंजन फ़ेल हो गए.
इसके बाद विमान के अनुभवी पायलट सुलेनबर्गर ने लागार्डिया के एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल को बताया कि वह हडसन नदी के पानी में लैंड करने की कोशिश करेंगे.
यह अत्यंत असाधारण और जोखिम भरा काम था.
पक्षियों से टकराने के करीब साढ़े तीन मिनट बाद यह विमान नदी में उतरा. इस दौरान विमान का पिछला हिस्सा पहले पानी से टकराया, जिससे पानी विमान में घुस गया. लेकिन इससे विमान के टुकड़े नहीं हुए.
विमान में बैठे यात्री आपातकालीन दरवाजों और पंखों के रास्ते विमान से बाहर निकल गए. इस दौरान दुनिया ने पानी पर तैरते विमान और उसके दोनों ओर पंखों पर खड़े यात्रियों की अनोखी तस्वीर देखी.
जब यह विमान नदी में उतरा तो हडसन नदी के पानी में बहाव बहुत तेज़ था.
न्यूयॉर्क में जनवरी का महीना बहुत ठंडा होता है. उस दिन भी तापमान माइनस (-7) डिग्री सेल्सियस के आसपास था.
लेकिन विमान के नदी में उतरने के कुछ ही मिनटों के भीतर पास की नौकाओं और अन्य जहाज़ों को नदी की ओर मोड़ दिया गया. यह त्वरित प्रतिक्रिया बहुत मददगार साबित हुई.
कई तरह की आशंकाओं से भरी इस लैंडिंग के बाद भी केवल एक यात्री और चालक दल के पांच सदस्यों को पैरों चोट आई थी. लैंडिंग के बाद कुल 78 लोगों को मामूली चिकित्सा की ज़रूरत पड़ी थी.
घटना को कवर कर रहे बीबीसी संवाददाताओं ने उस समय कहा था कि यात्रियों की किस्मत, पायलट की कुशलता और त्वरित बचाव प्रयासों के कारण सभी लोग सुरक्षित बच गए.
न्यूयॉर्क के तत्कालीन मेयर माइक ब्लूमबर्ग ने कहा, "पायलट ने विमान को नदी में उतारने में बहुत बढ़िया काम किया."
सभी के उतरने के बाद पूरे विमान की दो बार जाँच की गई ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विमान के अंदर कोई फंसा हुआ तो नहीं है.
इस घटना के लिए कैप्टन सुलेनबर्गर की बहुत तारीफ़ हुई लेकिन कुछ सवाल भी उठे.
इस मामले की जांच अमेरिकी परिवहन नियामक, नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड ने की थी. लेकिन जांच में यह भी निष्कर्ष निकला कि विमान को नदी में उतारने का फैसला सही था.
कुछ ही दिनों के भीतर हादसे के शिकार विमान को नदी से निकाल लिया गया और अमेरिका के कैरोलिनास एविएशन म्यूजियम में रख दिया गया.
कैप्टन सुलेनबर्गर ने 16 वर्ष की उम्र में अपना उड़ान प्रशिक्षण शुरू किया था. उन्होंने साल 1973 में यूएस वायु सेना अकादमी से स्नातक की डिग्री हासिल की. उसके बाद वो एक लड़ाकू विमान पायलट के रूप में अमेरिकी वायु सेना में शामिल हो गए.
उन्होंने साल 1980 में एक पायलट के रूप में एवियशन से जुड़े प्राइवेट सेक्टर में प्रवेश किया था. हडसन नदी में उनकी लैंडिंग को दुनियाभर में चर्चित आपातकालीन लैंडिंग के रूप में जाना जाता है.
हडसन नदी में आपातकालीन लैंडिंग से पहले कैप्टन सली के पास 20 हज़ार घंटों की उड़ान का अनुभव था. वो क़रीब 40 साल से पायलट थे.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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