मोबाइल में ऐप्स इंस्टॉल करते वक्त भूलकर भी ना करें ये 3 गलतियां, पड़ सकता है पछताना, जानिए कैसे

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स्मार्टफोन में हम अपनी जरूरतों के हिसाब से बहुत सी ऐप्स इंस्टॉल करते हैं। इनमें से कई ऐप्स बहुत काम के होते हैं जो यूजर की लाइफ को आसान बना देते हैं। वहीं कुछ ऐप्स लोग अपने दोस्तों की सलाह पर भी इंस्टॉल कर लेते हैं। लेकिन कई बार ऐप्स के जरिए मोबाइल में वायरस भी पहुंच जाते हैं। ये वायरस यूजर्स के स्मार्टफोन को नुकसान पहुंचाते हैं। इन वायरस के जरिए साइबर क्रीमिनल्स आपके साथ धोखाधड़ी या ठगी भी कर सकते हैं। जानते हैं कि किस तरह से वायरस स्मार्टफोन में पहुंचते हैं और इससे बचने का क्या उपाय है।

फर्जी रेटिंग के चक्कर में ना फंसे
बता दें कि यूजर्स गूगल प्ले स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करते हैं। विशेषज्ञ भी यूजर्स को यहीं से ऐप डाउलनोड करने की सलाह देते हैं। हालांकि कई हैकर्स यहां भी सिक्योरिटी को बायपास कर वायरस से संक्रमित ऐप्स को स्टोर कर देते हैं। ऐसे में कोई एप डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यू जरूर चेक करें। हालांकि जरूरी नहीं है कि 5-स्टार रेटिंग वाला बढ़िया भी हो। कई बार फर्जी रेटिंग के जरिए भी ऐप को ट्रेंडिंग में लाया जाता है। इसके बाद यह जरूर चेक करें कि एप का डेवलपर कौन है। इसकी जानकारी एप स्टोर पर ही आपको मिल जाएगी।

 

Virus Alert in Mobile

APK फाइल से भी आ सकता है वायरस
बता दें कि कई बार कुछ ऐप्स गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर नहीं मिलती। वहीं कुछ लोग दोस्तों से मिले लिंक के जरिए ऐप डाउनलोड कर लेते हैं। हालांकि ऐसा नहीं करना चाहिए। कुछ लोग एपीके फाइल से भी ऐप इंस्टॉल कर लेते हैं। ऐसा भूलकर भी न करें और ना ही थर्ड पार्टी स्टोर से ऐप डानलोड करें। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। ऐसी ऐप्स के जरिए खतनाक वायरस आपके स्मार्टफोन में आ सकते हैं।

कौन-कौन सी परमिशन मांग रहा ऐप
बता दें कि जब भी हम कोई ऐप डाउनलोड कर उसे इंस्टॉल करते हैं तो वह कई तरह की परमिशन मांगती है। हालांकि ऐसा करने से पहले यह ध्यान रखें कि जो ऐप आप डाउनलोड कर रहे हैं वह आपसे कौन-कौन सी परमिशन ले रहा है। उदाहरण के तौर पर अगर आप कोई अलार्म एप डाउनलोड करते हैं तो उसे स्मार्टफोन पर तस्वीरें देखने की इजाजत नहीं चाहिए होगी। उसी तरह कैलकुलेटर वाले एप को नेटवर्क एक्सेस की जरूरत बिलकुल नहीं है।

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