मां गई थी कुछ देर को बाहर, मासूम बच्ची के पास पहुंचा शख्स… लौटते ही जो देखा, उड़ गए होश…

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इंसानियत को झकझोर देने वाला ये मामला जयपुर से सामने आया है। तीन दिन पहले एक महिला ने अपने ही पति के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसका आरोप था कि पति ने उनकी दो साल की मासूम बेटी के साथ दरिंदगी की। अब पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है।

जयपुर में इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पिता ने अपनी ही 2 साल की मासूम बेटी के साथ रेप किया. यह घटना तीन दिन पहले तब उजागर हुई, जब बच्ची की मां ने अपने पति के खिलाफ सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है और मामला प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेस (POCSO) एक्ट के तहत दर्ज किया गया है.

मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि हुई और आरोपी के पायजामे पर खून के धब्बों ने इस जघन्य अपराध का राज खोला. घटना उस समय हुई, जब बच्ची की मां पड़ोस में गई थी. इस दौरान आरोपी पिता अपनी 2 साल की बेटी को बेडरूम में ले गया. जब वह बाहर निकला, तो उसके पायजामे पर खून के धब्बे दिखाई दिए, जिसने मां को संदेह पैदा किया. मां ने तुरंत बच्ची की हालत देखी और उसे अस्पताल ले गई, जहां मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि हुई. इसके बाद मां ने सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई.

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (वेस्ट) अमित कुमार ने बताया कि शिकायत मिलते ही पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया और उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. पुलिस के अनुसार, यह मामला बेहद संवेदनशील है और जांच को गंभीरता से लिया जा रहा है. बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर चोटें और यौन उत्पीड़न के सबूत मिले हैं. बच्ची को जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है. डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की हालत स्थिर है, लेकिन वह शारीरिक और मानसिक रूप से गहरे आघात में है. पुलिस ने बच्ची के बयान दर्ज करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली है और परिवार को काउंसलिंग दी जा रही है. मां ने बताया कि घटना के समय वो पड़ोस में गई हुई थी. बच्ची की चीखें सुनकर वो जब घर आई तब उसने अपनी बेटी को लहूलुहान देखा.

पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (रेप) और POCSO एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. जांच में यह भी देखा जा रहा है कि आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास तो नहीं है. सामाजिक संगठनों, जैसे आसरा फाउंडेशन, ने इस मामले में पीड़ित परिवार को कानूनी और भावनात्मक सहायता प्रदान करने की पेशकश की है. विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों को रोकने के लिए जागरूकता और कठोर कानूनी कार्रवाई जरूरी है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2023 के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामले बढ़े हैं और जयपुर इस तरह की घटनाओं का एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है.