बिरयानी वाले के प्यार में पागल पत्नी ने रचा कत्ल का खेल, पति को पहले पिलाया ज़हर, फिर छीन ली ज़िंदगी…

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अबिरामी ने प्यार में पड़कर अपने दो बच्चों को मौत के घाट उतारा था. इतना ही नहीं हत्या के बाद वह अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.

बिरयानी अबिरामी, इन मोहतरमा का नाम तो आपने ही सुना ही होगा… जी हां हम बात कर रहे हैं 2018 के उस केस की, जिसमें अबिरामी ने प्यार में पड़कर अपने ही दो प्यारे बच्चों को मौत के घाट उतार दिया था. अब ये मामला फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है. कारण? कारण ये है कि इस मामले में कोर्ट ने अबिरामी और प्रेमी मीनाची सुंदरम को सजा सुना कर उन बच्चों को इंसाफ दिलाया है. चलिए आपको शुरुआत से बताते हैं पूरा मामला क्या है.

कांचीपुरम, तमिलनाडु की रहने वाली अबिरामी, अबिरामी के दो प्यारे बच्चे, सात साल का बेटा अजय और चार साल की बेटी थी. पति विजय बैंक में नौकरी करता था. अबिरामी के टिक टॉक पर वीडियो बनाना बेहद था. लेकिन टिक टॉक के साथ-साथ उसका एक और शौक था बिरयानी खाना. पास में एक मशहूर बिरयानी स्टॉल था, जहां से वो अक्सर बिरयानी मंगवाती. यहीं से शुरू हुआ एक ऐसा खेल जिसने कई लोगों की जिंदगी बर्बाद कर दी.

बिरयानी स्टॉल पर एक लड़का काम करता था मीनाची सुंदरम. वो अक्सर अबिरामी के घर बिरयानी डिलीवरी करने आता. पहले तो ये मुलाकातें सिर्फ खाने तक सीमित थीं, लेकिन धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी. दोनों में दोस्ती हो गई और फिर ये दोस्ती प्यार में बदल गई. अबिरामी को सुंदरम की बातें अच्छी लगने लगीं और सुंदरम को अबिरामी का साथ. लेकिन प्यार में अबिरामी भूल गई थी कि वह शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं. उसे लगने लगा कि इस नए रिश्ते में पति और बच्चे आड़े आ रहे हैं.

जल्दी ही विजय को पत्नी के इस अफेयर की भनक लग गई. उसने अबिरामी को सख्ती से मना किया कि वो सुंदरम से मिलना बंद कर दे. दोनों के परिवार वालों ने भी इस रिश्ते को खत्म करने की हिदायत दी. लेकिन अबिरामी और सुंदरम का प्यार अब उस हद तक पहुंच चुका था, जहां उन्हें कोई रुकावट बर्दाश्त नहीं थी. फिर दोनों ने मिलकर एक ऐसा फैसला लिया जिसे सुनकर किसी का भी दिल कांप जाए. उन्होंने तय किया कि विजय और दोनों बच्चों को रास्ते से हटा देंगे.

सितंबर 2018 की एक रात सुंदरम ने नींद की गोलियां खरीदीं. प्लान थी कि पहले बच्चों को और फिर विजय को नींद की गोलियों का ओवरडोज देकर मार दिया जाए. अबिरामी ने अपने बच्चों के दूध में नींद की गोलियां मिला दीं. उसकी चार साल की मासूम बेटी ने दूध पीया और हमेशा के लिए सो गई. लेकिन सात साल का बेटा अजय और विजय बच गए. अगली सुबह विजय अपने ऑफिस चला गया लेकिन अजय नींद की गोलियों के नशे में था. अबिरामी का दिल अब भी नहीं पसीजा. उसने अपने बेटे का मुंह तकिए से तब तक दबाए रखा, जब तक उसकी सांसें नहीं थम गईं. एक मां, जिसने अपने बच्चों को जन्म दिया, उसी ने उनकी जिंदगी छीन ली.

उस दिन विजय को ऑफिस से लौटने में देर हो गई. अबिरामी और सुंदरम ने उसे जिंदा छोड़कर ही कन्याकुमारी भागने का फैसला किया. अगले दिन जब विजय घर लौटा तो उसे अपने दोनों बच्चों की लाशें मिलीं. उसने तुरंत पुलिस को खबर दी. पुलिस ने जांच शुरू की और जल्द ही अबिरामी और सुंदरम को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में दोनों ने अपने गुनाह कबूल कर लिए.

24 जुलाई 2025 को कांचीपुरम की प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई. अबिरामी और सुंदरम ने कोर्ट से गुहार लगाई कि जेल में बिताए गए समय को देखते हुए उनकी सजा कम कर दी जाए. लेकिन जज बीजू चेम्मल ने साफ कहा, ‘इस तरह के जघन्य अपराध के लिए उम्रकैद भी कम है.’ कोर्ट ने दोनों को आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई.