गेंद फेंकने और अंपायर से बहस करने के लिए ICC ने ऋषभ पंत को लगाई फटकार

भारत के टेस्ट उपकप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाजऋषभ पंत लीड्स टेस्ट के दौरान अंपायर से असहमति जताने के कारण मुश्किल में पड़ गए। हालांकि, वह एक मैच के बैन से बच गए, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने उन्हें आधिकारिक फटकार लगाई और उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट पॉइंट जोड़ा। यह पॉइंट भविष्य में उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। यह घटना तब हुई जब पंत ने बॉल बदलने की अपील के अंपायर द्वारा खारिज होने पर नाराजगी में गेंद को जमीन पर फेंक दिया।
ICC ने अपनी मीडिया रिलीज में बताया कि पंत को हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के तीसरे दिन (22 जून, 2025) ICC आचार संहिता के लेवल 1 के उल्लंघन का दोषी पाया गया। यह उल्लंघन आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 के तहत हुआ, जो अंतरराष्ट्रीय मैच में अंपायर के फैसले पर असहमति जताने से संबंधित है। यह घटना इंग्लैंड की पहली पारी के 61वें ओवर के अंत में हुई, जब अंपायरों ने बॉल गेज से गेंद की जांच की और उसे बदलने से इनकार कर दिया। पंत ने इसके जवाब में गेंद को जमीन पर फेंककर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
पंत ने अपने इस व्यवहार को स्वीकार किया और मैच रेफरी रिची रिचर्डसन द्वारा प्रस्तावित सजा को भी मंजूर कर लिया। इस कारण औपचारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी। मैदानी अंपायर पॉल रीफेल और क्रिस गैफनी, तीसरे अंपायर शारफुद्दौला इब्ने शाहिद और चौथे अंपायर माइक बर्न्स ने पंत पर यह आरोप लगाया था। ICC नियमों के अनुसार, लेवल 1 उल्लंघन की सजा में न्यूनतम आधिकारिक फटकार, अधिकतम 50% मैच फीस का जुर्माना और एक या दो डिमेरिट पॉइंट शामिल हैं।
पंत के लिए यह 24 महीनों में पहला उल्लंघन था, जिसके लिए उन्हें एक डिमेरिट पॉइंट मिला। यदि कोई खिलाड़ी दो साल के भीतर चार डिमेरिट पॉइंट जमा कर लेता है, तो उसे एक टेस्ट या दो वनडे/टी20 मैचों के लिए निलंबित किया जा सकता है। पंत को अब अपने व्यवहार पर अधिक सावधानी बरतनी होगी।