भारत के 5 चमत्कारी मंदिर, जहां माँ दुर्गा आधी रात में होती हैं प्रकट, दर्शनभर से ही दूर हो जाते हैं कष्ट
भारत के उत्तर में कटरा में माता वैष्णो देवी माता का मंदिर (Devi Mandir) है। वैष्णो देवी भारत का सबसे लोकप्रिय दुर्गा मंदिर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार वैष्णो देवी भगवान विष्णु की भक्त थी। उन्होंने ब्रह्मचर्य का पालन किया। हालाँकि भैरो नाथ जो एक तांत्रिक था उसने देवी का पीछा करते हुए त्रिकुटा पर्वत पर पहुँचा दिया।
भैरो नाथ से खुद को बचाने के लिए देवी ने एक गुफा में शरण ली और राक्षस देवता उन्हें लगभग 9 महीने तक नहीं ढूँढ पाए। तब वैष्णो देवी ने काली का रूप धारण किया और भैरो नाथ का सिर काट दिया। जिस गुफा में देवी छिपी थी। वह अब एक लोकप्रिय देवी का मंदिर (Devi Mandir) है।
मनसा देवी मंदिर (Devi Mandir) हरिद्वार के पास सादुलपुर-मलसीसर-झुंझुनू रोड़ पर बड़ी लम्बोर (लम्बोर धाम) गाँव में स्थित है। मनसा देवी मंदिर का नाम इस मान्यता से लिया गया है कि देवी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी करती हैं। मंदिर के पीछे की कथा है कि हमीरवासिया परिवार के मुखिया सेठ सूरजमलजी के सपने में देवी आईं और उनसे मंदिर बनवाने के लिए कहा। सूरजमलजी ने जैसा कहा गया वैसा ही किया और मंदिर बनवाने की जिम्मेदारी अपने बेटे को दे दी। मंदिर 1975 तक बनकर तैयार हो गया। यह मंदिर काफी लोकप्रिय हुआ।

मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध शहर उज्जैन में भी एक शक्तिपीठ है। जिसका नाम हरसिद्धि माता मंदिर (Devi Mandir) है। इसे देश के प्रमुख शक्तिपीठों में गिना जाता है। यहां माता सती की कोहनी गिरी थी। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं और मां काली की भव्य आरती भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव कराती है।
कालीघाट मंदिरकोलकाता के इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजा बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। प्रचलित मान्यता है कि देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा वहीं गिरा था जहां आज यह मंदिर है। नवरात्रि के दौरान कालीघाट मंदिर (Devi Mandir) में हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यह मुख्य मंदिर 2000 साल से भी ज़्यादा पुराना है और आदि गंगा नामक एक छोटे से जल निकाय के तट पर स्थित है।
विश्व भर में प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर (Devi Mandir) असम राज्य के गुवाहाटी में स्थित है। यह मंदिर 52 शक्ति पीठों में से एक है। यहाँ माता सती का योनि भाग गिरा था। कामाख्या देवी मंदिर को तंत्र साधना का मुख्य केंद्र माना जाता है। नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष पूजा की जाती है और दूर-दूर से भक्त देवी के दर्शन के लिए आते हैं।