आक्रामक अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत और यूरोप में अगले तीन महीनों में हो सकती है ट्रेड डील: रिपोर्ट

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Newspoint

New Delhi, 5 अक्टूबर . India और यूरोपियन यूनियन (ईयू) अगले तीन महीनों में ट्रेड डील को अंतिम रूप देने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं, जिसमें कृषि, स्थिरता और बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों पर फोकस किया जा रहा है.

वनवर्ल्डआउटलुक की रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को लेकर आक्रामक रुख के कारण India और ईयू के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत और तेज हो गई है.

India और ईयू के बीच होने वाला ट्रेड डील काफी अहम होगी. इससे वैश्विक स्तर पर व्यापार में बदलाव आएगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेड डील यूरोपीय संघ को वैश्विक अस्थिरता के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन India के लिए यह सुधारों और विकास के एक दशक के बाद विश्वास का एक रणनीतिक कदम होगा.

रिपोर्ट में कहा गया, “जहां यूरोपीय संघ का दृष्टिकोण अपने बाजार को वैश्विक अस्थिरता से बचाने की आवश्यकता से प्रेरित है, वहीं India की प्रेरणा रणनीतिक है. New Delhi इस समझौते को हताशा की कार्रवाई के रूप में नहीं, बल्कि अपने वैश्विक आर्थिक आत्मविश्वास के दावे के रूप में देखती है. यह नई व्यापार व्यवस्था को केवल अपनाने के बजाय, उसे आकार देने की दिशा में एक कदम है.”

रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ता मैन्युफैक्चरिंग बेस, डिजिटल अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार और उच्च घरेलू उपभोग, India को चीन का विकल्प तलाशने वाली यूरोपीय कंपनियों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है.

रूस और चीन पर निर्भरता कम करने के यूरोप के प्रयासों ने India को अपनी विविधीकरण रणनीति में एक महत्वपूर्ण भागीदार बना दिया है.

India ने यूरोपीय संघ के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिजम (सीबीएएम) से जुड़े बाध्यकारी स्थिरता प्रावधानों का विरोध किया है.

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को उन ऐतिहासिक उत्सर्जनों के लिए दंडित करने को “अनुचित” बताया है जो उन्होंने पैदा नहीं किए हैं.

अगर India और ईयू के बीच यह ट्रेड डील अंतिम रूप लेती है, तो यह समझौता वैश्विक व्यापार नियमों को आकार देने में India के एक निर्णायक खिलाड़ी के रूप में उभरने का प्रतीक होगा.

एबीएस/