भारत और कनाडा आ रहे करीब तो बढ़ रही खालिस्तानियों की बेचैनी, अलर्ट पर अधिकारी

Hero Image
Newspoint

New Delhi, 4 अक्टूबर . India और कनाडा के बीच धीरे-धीरे संबंध बेहतर हो रहे हैं. एक तरफ दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर खालिस्तानियों पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है. India के Prime Minister Narendra Modi और कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी की मुलाकात के बाद से कनाडा में तस्वीर बदल रही है.

हाल ही में कनाडा और India के समकक्षों के बीच बैठकों का सिलसिला जारी है. हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और उनकी कनाडाई समकक्ष नथाली ड्रोइन के बीच एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई.

बता दें, कनाडा ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया और कहा कि इस गिरोह ने भय और धमकी का माहौल पैदा किया. India के लिए यह एक बहुत बड़ा फैसला है, क्योंकि ये वही गिरोह हैं जो खालिस्तान समर्थक तत्वों से जुड़े हुए हैं.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) गैंगस्टर-आतंकवादी गठजोड़ मामले में जारी जांच के दौरान खुलासा किया कि यही गिरोह खालिस्तानियों के इशारे पर धन जुटा रहे हैं और हमले कर रहे हैं. इससे खालिस्तान आंदोलन को फायदा हो रहा है.

एनआईए के इन घटनाक्रमों ने खालिस्तानियों के मन में दहशत पैदा कर दी है. जांच एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि ये खालिस्तानी कट्टरपंथी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के मन में डर पैदा करने के लिए ऐसी वारदातों को अंजाम देंगे. इसी गैंग ने कुछ समय पहले कनाडा में India के मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा के कैप्स कैफे पर हमला किया था, जिसकी जिम्मेदारी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) ने ली थी.

India और कनाडा के बीच संबंधों में सुधार खालिस्तानियों को रास नहीं आ रहा है. पंजाब या अन्य पड़ोसी राज्यों में आतंकी हमले की कोशिशें की जा रही हैं. ऐसे में भारतीय एजेंसियों ने ऐसे समूहों पर शिकंजा कसने के लिए पंजाब की Police को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा.

अधिकारियों का कहना है कि इस खतरे को खत्म करने के लिए India और कनाडा को मिलकर काम करना होगा. एनआईए खालिस्तान मुद्दे से जुड़े कई मामलों की जांच कर रही है. जानकारी नियमित रूप से साझा की जाएगी, ताकि निकट भविष्य में प्रत्यर्पण हो सके. अधिकारियों का कहना है कि लॉरेंस बिश्नोई का मामला तो बस शुरुआत है और आगे और भी मामले सामने आएंगे. हालांकि, इस दौरान कानून प्रवर्तन एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहना होगा, क्योंकि आईएसआई समर्थित खालिस्तानियों में भारी हताशा फैल चुकी है.

कनक/एएस