पहलगाम हमले में पाक सेना की साजिश बेनकाब: लश्कर से जुड़ा कमांडो हाशिम मूसा निकला मास्टरमाइंड

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर खुफिया एजेंसियों ने बड़ा खुलासा किया है। जानकारी के अनुसार, हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा पहले पाकिस्तानी सेना का पैरा कमांडो रह चुका है और उसे लश्कर-ए-तैयबा ने विशेष रूप से हमले के लिए ट्रेनिंग देकर भेजा था।

सूत्रों के मुताबिक, मूसा ने तीन स्थानीय आतंकवादियों के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया। हमला इतनी चतुराई से किया गया कि हमलावरों ने भारतीय सेना की वर्दी पहन रखी थी

, जिससे किसी को शक न हो और आसानी से आम नागरिकों—खासतौर से पर्यटकों—को निशाना बनाया जा सके।

आतंकी बना पूर्व कमांडो

हाशिम मूसा पाकिस्तान की विशेष पैरा फोर्स में शामिल था, लेकिन बाद में आईएसआई के संपर्क में आकर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गया। खुफिया सूत्र बताते हैं कि आईएसआई ने मूसा को लश्कर में शामिल करवाया, जहां उसे कोवर्ट ऑपरेशन की विशेष ट्रेनिंग दी गई।

पहलगाम हमला मूसा के अब तक के सबसे बड़े और खतरनाक ऑपरेशनों

में से एक बताया जा रहा है। वह पहले भी कई आतंकी घटनाओं में सक्रिय रहा है।

पर्यटकों को बनाया गया था निशाना

लश्कर ने मूसा को विशेष मिशन के तहत कश्मीर भेजा, जहां उसने स्थानीय आतंकियों के साथ मिलकर पर्यटकों पर हमला किया। घाटी में यह पहली बार था जब इतनी बड़ी संख्या में घुमने आए लोगों को सीधे निशाना बनाया गया। इसका उद्देश्य क्षेत्र में डर और अस्थिरता फैलाना था।

यह हमला दिखाता है कि आतंकी संगठन अब सीधे आम नागरिकों और टूरिज्म सेक्टर

को निशाना बना रहे हैं, जिससे घाटी की छवि को नुकसान पहुंचे।

मुनीर का नाम भी आया सामने

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार आदिल राजा ने चौंकाने वाला दावा किया है कि पाक सेना प्रमुख जनरल मुनीर ने इस हमले के आदेश दिए थे। राजा का कहना है कि मुनीर अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए भारत के खिलाफ तनाव बढ़ाने की साजिश रच रहे हैं।

हमले से तीन दिन पहले मुनीर ने एक भाषण में भारत विरोधी बयानबाज़ी की थी, जिसे अब हमले से जोड़कर देखा जा रहा है। ये संकेत हैं कि पहलगाम हमला सिर्फ आतंकियों की योजना नहीं

, बल्कि पाकिस्तानी सत्ता का हिस्सा था।

भारत का जवाब: मूसा को ढूंढो और खत्म करो

भारतीय सेना ने हाशिम मूसा की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है। अधिकारियों का मानना है कि मूसा की गुरिल्ला ट्रेनिंग और आतंकी रणनीतियों को देखते हुए उसे खत्म करना बेहद जरूरी है।

इस हमले के बाद भारत सरकार अब पाकिस्तान पर राजनयिक दबाव बढ़ाने के साथ-साथ घाटी में सुरक्षा इंतजामों को और सख्त

करने की तैयारी में है।