UPI Tips- क्या UPI से पैसा गलत नंबर पर कर दिया हैं ट्रांसफर, तो तुरंत करें ये काम

By Jitendra Jangid- दोस्तो आज के डिजिटल वर्ल्ड में स्मार्टफोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गए हैं, जिनमें मौजूद ऐप्स ने पैसों के लेनदेन में क्रांति ला दी है, वो दिन चले गए जब लोगों को पैसे भेजने के लिए बैंक जाना पड़ता था या चेक लिखना पड़ता था। 2016 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) के लॉन्च ने लोगों के वित्तीय लेन-देन करने के तरीके में बड़ा बदलाव लाया, रोज़ाना के लेन-देन की भागदौड़ में, गलतियाँ हो सकती हैं - जैसे कि गलती से गलत UPI नंबर पर पैसे भेज देना। अगर आप भी इश समस्या के शिकार है, तो यह टिप्स करें फॉलों-
आप अपना पैसा कब वापस पा सकते हैं?
एक ही बैंक खाता: अगर आपका और प्राप्तकर्ता का खाता दोनों एक ही बैंक में हैं, तो बैंक आमतौर पर लेन-देन को जल्दी से वापस करने में मदद कर सकता है।
अलग-अलग बैंक: अगर प्रेषक और प्राप्तकर्ता के खाते अलग-अलग बैंकों में हैं, तो इसमें ज़्यादा समय लग सकता है। हालांकि, उचित फॉलो-अप के साथ रिकवरी अभी भी संभव है।
यदि प्राप्तकर्ता सहमत है: कभी-कभी, गलती से पैसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति से संपर्क करके और उन्हें लेनदेन विवरण प्रदान करके समस्या हल हो सकती है। यदि वे सहमत हैं, तो वे पैसे वापस कर सकते हैं।
गलत UPI नंबर पर भेजे गए पैसे को वापस पाने के चरण
विनम्रतापूर्वक उनसे पैसे वापस करने का अनुरोध करें।
सबूत के तौर पर लेनदेन संदर्भ संख्या साझा करें।
UPI ऐप ग्राहक सेवा से संपर्क करें:
प्रत्येक UPI ऐप में एक सहायता प्रणाली होती है। ऐप के माध्यम से ग्राहक सेवा टीम से संपर्क करें
लेनदेन आईडी, तिथि और UPI आईडी प्रदान करें।
सीधे ऐप में शिकायत दर्ज करें (अधिकांश ऐप में "सहायता" या "समस्या की रिपोर्ट करें" अनुभाग होता है)।
अपने बैंक से संपर्क करें
अपने बैंक की ग्राहक सहायता टीम से बात करें और स्थिति स्पष्ट करें।
गलत UPI ट्रांसफ़र के बारे में औपचारिक शिकायत दर्ज करें।
NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के पास शिकायत दर्ज करें:
शिकायत दर्ज करने के लिए NPCI की वेबसाइट पर जाएँ।
वैकल्पिक रूप से, NPCI की हेल्पलाइन 1800-120-1740 पर कॉल करें।
UPI ट्रांसफ़र की गलतियों से बचने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
लेनदेन की पुष्टि करने से पहले हमेशा UPI आईडी या फ़ोन नंबर की दोबारा जाँच करें।
मैन्युअल त्रुटियों से बचने के लिए उपलब्ध होने पर QR कोड का उपयोग करें।
भविष्य के संदर्भ के लिए लेन-देन रसीदों का रिकॉर्ड रखें।